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सामाजिक सरोकार : यह सम्मान उनका जिन्होंने मुझे इस काबिल बनाया

सम्मान के प्रत्युत्तर में रंगकर्मी मिश्रा ने कहा

‘हम लोग’ द्वारा श्री ओमप्रकाश मिश्रा का अभिनंदन समारोह आयोजित

कई आयामो से मिलकर बनता है श्री मिश्रा का व्यक्तित्व : करमरकर

व्यक्ति नहीं शहर की परंपरा का सम्मान यह समारोह : जैन

कार्यों का मूल्यांकन नहीं कर पाया शहर : बैरागी

आज भी प्रभावित करता है व्यक्तित्व : व्यास

श्री मिश्रा पर केंद्रित डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला के आलेख के फोल्डर का विमोचन

हरमुद्दा
रतलाम, 17 जुलाई। यह अभिनंदन मेरा नहीं है बल्कि उन सभी लोगों का है, जिन्होंने मुझे इस काबिल बनाया । मैंने अपने विद्यार्थियों को सदैव आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी । उनके भीतर छुपी हुई प्रतिभा को बाहर लाने का प्रयास किया और उन्हें मंच पर खड़ा होने का हौंसला प्रदान किया। शेष प्रयास विद्यार्थियों के अपने हैं। मैं जितना कर सकता था मैंने किया ।‌इससे विद्यार्थियों को अगर कुछ मिला हो तो यह मेरा सौभाग्य है।


यह विचार वरिष्ठ रंगकर्मी एवं शिक्षाविद ओम प्रकाश मिश्रा ने ‘हम लोग’ द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में व्यक्त किए। सुदीर्घ साधना के लिए आयोजित अभिनंदन समारोह में श्री मिश्रा ने कहा कि परिस्थितियों और समय के प्रभाव से व्यक्ति बहुत कुछ सीखता है । मैंने जो कुछ भी सीखा वह अपने विद्यार्थियों को प्रदान किया।

कई आयामो से मिलकर बनता है श्री मिश्रा का व्यक्तित्व

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्ति प्राचार्य सुरेश चंद्र करमरकर ने कहा कि ओमप्रकाश मिश्रा का व्यक्तित्व कई आयामों से मिलकर बनता है । एक मित्र की तरह , एक शिक्षाविद् की तरह, एक रंगकर्मी की तरह , एक अभिनेता की तरह और एक नेतृत्व क्षमतावान व्यक्तित्व की तरह उन्हें देखना आवश्यक है । उन्होंने श्री मिश्रा के जीवन प्रसंगों एवं संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि विरले ही लोग होते हैं जो अपने विद्यार्थियों के प्रति इतने समर्पित होते हैं । मिश्रा जी ने विद्यार्थियों के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।

व्यक्ति नहीं शहर की परंपरा का सम्मान यह समारोह

‘हम लोग’ के अध्यक्ष सुभाष जैन ने कहा कि यह अभिनंदन समारोह सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं बल्कि शहर की उस परंपरा का सम्मान है जो अपनी नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देती है। मिश्रा जी उम्र के आठवें दशक में भी विद्यार्थियों को निरंतर रंगकर्म की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं यह उनके समर्पण का ही परिणाम है। ‘हम लोग’ ऐसे व्यक्तित्व को सम्मानित कर गौरवान्वित होता है।

कार्यों का मूल्यांकन नहीं कर पाया शहर

चिंतक और विचारक विष्णु बैरागी ने कहा कि श्री मिश्रा के कार्यों का समय पर मूल्यांकन शहर नहीं कर पाया है। यह सम्मान बहुत पहले हो जाना चाहिए था मगर शहर को जितना उन्होंने दिया है, शहर को भी उतना सम्मान उन्हें देना चाहिए।

आज भी प्रभावित करता है व्यक्तित्व

रंगकर्मी कैलाश व्यास ने कहा कि मिश्रा जी से मैंने शिक्षा भी प्राप्त की उनके साथ रंगकर्म भी किया । इस दौरान उनका समर्पण भाव और कुछ नया सीखने की प्रवृत्ति ने मुझे बेहद प्रभावित किया। उनका व्यक्तित्व आज भी सभी को प्रभावित करता है।

अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान किया

‘हम लोग’ अध्यक्ष सुभाष जैन एवं संस्था के पदाधिकारियों ने ओमप्रकाश मिश्रा का शाल, श्रीफल एवं अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर श्री मिश्रा पर केंद्रित डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला के आलेख के फोल्डर का विमोचन भी किया गया। संचालन आशीष दशोत्तर ने किया। आभार डॉ. अभय पाठक ने व्यक्त किया।

इन्होंने भी किया अभिनंदन

सम्मानित श्री मिश्रा के साथ शहर के सुधिजन

इस अवसर पर श्री मिश्रा का अभिनंदन रणजीत सिंह राठौर, सिद्धीक़ रतलामी, मांगीलाल नगावत, कैलाश व्यास,  डॉ . मनोहर जैन, श्याम सुंदर भाटी, मुनींद्र दुबे, दिनेश शर्मा, कमल सिंह, नरेंद्र सिंह पंवार, राजीव पंडित, अनिरुद्ध मुरारी, सतीश भावे, संजय ओझा, संजय परसाई सरल, प्रकाश हेमावत, सुभाष यादव, विभा राठौर,  विनीता ओझा, खुशबू जागलवा, प्रतिभा चांदनीवाला, कविता व्यास आणिमा शर्मा, डॉ. प्रदीप सिंह, एकई राव गजेंद्र सिंह राठौर , आशा श्रीवास्तव, नीता गुप्ता, इंदु सिन्हा, इंदरमल जैन, नरेंद्र सिंह डोडिया, पद्माकर पागे, सुनील कदम , गजेंद्र सिंह चाहर, लगन शर्मा, महावीर वर्मा सहित सुधिजन मौजूद थे।

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