सामाजिक सरोकार : सी एम राइज विनोबा रतलाम में हुआ अकादमिक संवाद
⚫ शिक्षकों ने अपने अध्ययन और इंडक्शन पैक से किया संवाद
⚫ वर्ल्ड टॉप-10 में स्कूल विनोबा स्कूल रतलाम में हुआ संवाद
हरमुद्दा
रतलाम, 20 जुलाई। पीयर लर्निंग द्वारा शिक्षकों के प्रोफेशनल डेवलपमेन्ट के अंतर्गत सी एम राइज विनोबा रतलाम में अकादमिक संवाद का आयोजन हुआ।
उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि इस संवाद में “पीयर लर्निंग” के माध्यम से एक-दूसरे से सीखने की प्रक्रिया के अंतर्गत शिक्षा विभाग द्वारा प्रदत्त इंडक्शन पैक को नवाचार द्वारा संस्था हित मे सबकी भागेदारी करके प्रभावी बनाया गया।कक्षा शिक्षण और स्कूल कल्चर से जुड़े विविध विषयों पर शिक्षकों ने चर्चा आधारित संवाद किया।
दक्षता और परिणाम की योजना पर हुई चर्चा
संवाद के पहले दिन रेमेडीएशन के अंतर्गत परीक्षा परिणाम सुधार प्रक्रिया पर सीमा अग्निहोत्री,नेशनल अचिवमेंट सर्वे पर अजय मरमट,विद्यार्थियों की दक्षता संवर्धन पर कविता वर्मा,हुक का शिक्षण में प्रयोग पर हर्षिता सोलंकी और क्लास में प्रभावी एक्जिट स्लिप,प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग पर हीना शाह ने संवाद किया। शत प्रतिशत दक्षता और परिणाम की योजना पर चर्चा हुई। एंट्री रूटीन अनिता शर्मा और अटेंशन ग्रेबर सरिता राजपुरोहित, गीत राजेन्द्र शर्मा ने करवाया।
सबको सक्रिय रखा प्रायोगिक तरीके से
दूसरे दिन टीचर्स इंडक्शन पैक पर संवाद हुआ। क्लास एंट्री रूटीन कैसे हो? सीमा चौहान, प्रभावी मॉर्निंग मीटिंग की संरचना माधुरी तलेरा, प्रिंट-रिच में शिक्षण सामग्री को जोड़ना मीनाक्षी अग्रवाल,टी. एल. एम. का शिक्षण में प्रभावी और नियमित प्रयोग कमलेश बैरागी,प्रश्न पूछने के कौशल विकास पर रुपाली जैन,प्रभावी गृह कार्य कैसे दें? पर मंजुलिका खरे आदि ने प्रायोगिक तरीको से सबको सक्रिय रखकर संवाद किया।
सर्वांगीण विकास के साथ परिणाम पर फोकस
संस्था प्राचार्य संध्या वोरा ने बताया कि इस दौरान दक्षता,नास सर्वे, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में विद्यार्थियों की भागीदारी, उनके सर्वांगीण विकास के साथ रिजल्ट पर फोकस किया गया। स्मार्ट तैयारी में प्र.अ.अनिल मिश्रा, मनीषा चौधरी, सुनीता पंवार, अमित पारिख, हर्षिता मकवाना, राजाराम सेकवाडिया, जितेंद्र सिंह राठौर सहित सम्पूर्ण स्टाफ सदस्यों ने एक टीम के रूप में आयोजन सम्पन्न कराया।
माइक्रो मैनेजमेंट स्वयं शिक्षकों ने किया
मुख्य प्रस्तुतकर्ता हीना शाह ने बताया कि एक योजना के तहत स्कूल लीडर्स ने आयोजन के पूर्व एक सप्ताह तक एक-एक शिक्षक साथी के साथ उनके संवाद की रूपरेखा पर सहयोग किया परन्तु आयोजन के दौरान माइक्रो मैनेजमेंट सहित सम्पूर्ण आयोजन स्वयं शिक्षकों ने किया।