सामाजिक सरोकार : ‘भारत रत्न’ सर डॉ. विश्वेश्वरैया ने देश के बुनियादी ढांचे को न केवल गति दी अपितु औद्योगिक विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का किया निर्वहन
⚫ संगठन के अध्यक्ष अजय कुमावत ने कहा
⚫ इंजीनियर डे पर रक्तदान किया इंजीनियर्स ने
हरमुद्दा
रतलाम 15 सितंबर। अद्वितीय अभियंता, ‘भारत रत्न’ सर डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने देश के बुनियादी ढांचे को न केवल गति दी अपितु औद्योगिक विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन किया। वह विकास पुरुष थे।
यह बात कंसलटिंग सिविल इंजीनियर एसोशिएशन के अध्यक्ष अजय कुमावत ने कहीं। रविवार को डॉ. विश्वेश्वरैया की जयंती पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। प्रारंभ में एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्यों ने डॉ. विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण किया गया
विकसित और समृद्धशाली क्षेत्र बनाया उन्होंने
शैलेंद्र सिंह अठाना ने कहा कि दक्षिण भारत के मैसूर को एक विकसित और समृद्धशाली क्षेत्र बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है। तब कृष्णराज सागर बांध, भद्रावती आयरन एंड स्टील वर्क्स, मैसूर संदल ऑयल एंड सोप फ़ैक्टरी, मैसूर विश्वविद्यालय, बैंक ऑफ़ मैसूर समेत कई संस्थान उनकी कोशिशों का नतीजा हैं।
इन्होंने किया रक्तदान
कंसलटिंग सिविल इंजीनियर रतलाम द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में रक्तदान करते हुए सामाजिक सरोकार का परिचय दिया। शिविर में इंजीनियर सुदीप सोनी, प्रदीप सोनी, महेंद्र सोनी,गौरव सिसोदिया, रवि महोदय, कमलेश पाटीदार, दिनेश बंसल, शैलेंद्रसिंह अठाना,अनिल जैन, नरेंद्र डोडिया, सौरभ जैन, छोगालाल, कीर्ति कटकानी, गौरव पाल ने रक्तदान किया। कार्यक्रम का संचालन कोषाध्यक्ष महेंद्र सोनी ने किया। आभार दिनेश बंसल ने माना।