“पालकी में होके सवार निकली श्री गढ़ कैलाश सरकार”, कलेक्टर व एसपी ने पूजाकर उठाई पालकी
हरमुद्दा
रतलाम, 12 अगस्त। शहर के प्राचीन श्री गढ़ कैलाश मंदिर से बाबा भोलेनाथ सरकार में सवार होकर निकले। ठाट बाट और ढोल धमाके के साथ मंदिर से पालकी में निकले भगवान की जगह-जगह भक्तों ने पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया।
श्री गढ़ कैलाश मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ था। अभिषेक पूजन का सिलसिला सुबह 5 बजे से शुरू हो गया था, जो कि दिनभर चलता रहा। श्रावण के अंतिम सोमवार के अवसर पर शिव पंचायतन प्रतिमा का मनमोहक श्रृंगार किया गया। भक्तों ने दर्शन कर भगवान के साथ सेल्फी ली। महिलाओं ने बगीचे में झूले का आनन्द भी लिया। ट्रस्ट द्वारा भक्तों को सुबह से पेड़े की प्रसाद का विरतण किया गया जो कि देर रात तक जारी था।
विधि-विधान से की पूजा अर्चना
कलेक्टर रुचिका चौहान एवं एसपी गौरव तिवारी ने बाबा की पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुजारी पंडित द्रुमिल उपाध्याय ने विधिवत पूजन करवाई। पूजन के अवसर तोप भी चलाकर पुष्पों की वर्षा की गई। इस दौरान विष्णु त्रिपाठी, अशोक चोटाला, दिनेश पोरवाल, सतीश राठौर, कैलाश झालानी, संजय दवे, सतीश भारती, कैलाश राठौड़, अमृत कटारिया, धर्मेंद्र रेड़ा, खुशाल भारती, विजय कसेरा, नारायण देशवाल, सूरजमल टाक, राकेश मीणा, बाल कृष्ण व्यास, राजेंद्र पवार, श्याम सोनी, अशोक पवार, गजेंद्र ललन, कैलाश चौहान, मुकेश स्वामी, प्रमोद जायसवाल, दिनेश राठौड़, विनोद राठौड़, राजू पोरवाल, मनोज राठौर, श्याम रेड़ा सहित श्री गढ़ कैलाश सेवा समिति ट्रस्ट के ट्रस्टी मौजूद थे।
जयकारे के साथ उठाई पालकी
पूजा अर्चना के बाद जयकारे के साथ बाबा की पालकी उठाकर कलेक्टर व एसपी चले। इसके बाद भक्तों में पालकी उठा कर पुण्य लाभ अर्जित किया। पार्टी उठाने वालों की होड़ पूरा रास्ते मची रही। पालकी में सवार भगवान श्री गढ़ कैलाश की पूजा अर्चना का सिलसिला पूरे रास्ते शहर घूमने के दौरान चला। बाबा की पालकी उठाने का सौभाग्य हर कोई प्राप्त करना चाह रहा था। आशीर्वाद स्वरूप भक्तजन पालकी के नीचे से भी निकले। पालकी के पीछे झांकी भी थी।
श्री त्रिनेत्र महाकाल मंदिर से भी निकली पालकी
सावन के अंतिम सोमवार पर दीनदयाल नगर से श्री त्रिनेत्र महांकाल मंदिर से भी बाबा भोलेनाथ की पालकी धूमधाम के साथ निकाली गई। पालकी के साथ झांकियां भी सजाई गई थी। धर्मालुजन पालकी यात्रा में भोले की भक्ति से भाव विभोर करने वाले भजनों पर नृत्य करते हुए जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।