उत्सव का उत्साह: रक्षाबंधन पर्व को लेकर बाजार में खरीदारी का जोर, 15 अगस्त को बहना भाई की कलाई में रक्षा सूत्र की डोर
हरमुद्दा
रतलाम, 14 अगस्त। रक्षाबंधन पर्व को लेकर बाजार में उत्साह एवं उमंग का माहौल है। बाजारों में खरीदारी जोरों पर चल रही है। 15 अगस्त को बहना भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र की डोर बांधेगी। इस बार खास बात यह है कि सुबह से लेकर रात तक रक्षा सूत्र बांधने के लिए अवसर ही अवसर हैं। भद्रा का कोई बंधन नहीं है।
शहर के चांदनी चौक, चौमुखी पुल, माणक चौक, दो बत्ती, श्री राम मंदिर आदि क्षेत्रों में राखी की दुकानों पर काफी खरीदारी हो रही है। बहने राखी के अलावा श्रीफल घेवर फेनी, मिठाई आदि की खरीदारी में तल्लीन है। बाजारों में खरीदारी ने जोर पकड़ लिया है। इसके अलावा साड़ियों की दुकानों पर भी खरीदारों की भीड़ है।
सुबह से रात तक मुहूर्त
ज्योतिर्विद पंडित गोचर शर्मा ने “हरमुद्दा” से चर्चा करते हुए बताया कि रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा का बंधन नहीं रहेगा। भद्रा की शुरुआत बुधवार को अपराह्न 3:46 से हो गई है जो कि गुरुवार सुबह 4:53 तक रहेगी।
एक दिन पहले भद्रा होने के कारण रक्षाबंधन पर्व के लिए सुबह से रात तक महूर्त ही महूर्त हैं। पंडित शर्मा ने बताया सूर्योदय सुबह 6:06 बजे से 7:30 बजे तक शुभ का मुहूर्त रहेगा। इसके बाद 11 से 3:30 बजे तक चल, लाभ, अमृत के चौघड़िया में रक्षाबंधन होगा। प्रदोष काल गोधूलि बेला 4:30 बजे से रात की 9:00 बजे तक शुभ, अमृत, चल का चौघड़िया रहेगा।
होगा श्रावणी उपाकर्म
पंडित शर्मा ने बताया श्रावण की पूर्णिमा पर यजुर्वेदी ब्राह्मण द्वारा श्रावणी उपाकर्म, ऋषि तर्पण किया जाएगा। गुरुवार को हेयग्रीव जयंती, गायत्री जयंती एवं स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा।
सर्व ब्राह्मण समाज का श्रावणी उपाकर्म गंगा आश्रम पर गुरुवार को
15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के बाद प्रातः 9 बजे से गंगा आश्रम सगोद रोड पर सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा श्रावणी उपाकर्म का आयोजन किया जाएगा। श्री त्रिवेदी मेवाड़ा ब्राह्मण समाज के प्रवक्ता सत्यदीप भट्ट ने बताया कि जिस तरह हम राष्ट्रीय ध्वज को नीलगगन में फहराकर आजादी का पर्व मनाते है, ठीक उसी तरह रक्षाबंधन के पावन पर्व पर अपने शरीर पर नवीन जनेऊ धारण कर अपने ब्राह्मणत्व एवं संस्कृति को गौरव प्रदान करते हैं। श्री भट्ट ने ब्राह्मणों से आह्वान किया कि श्रावणी उपाकर्म के लिए अपना आसन एवं पंचपात्र साथ लाएं। शेष पूजन सामग्री सहित समस्त व्यवस्था सर्व ब्राह्मण समाज के स्वयं सेवकों द्वारा की गई है।