मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग निषेध विधि सबक: स्वाभिमान को आहत करना भी रैगिंग: श्री सोनी

हरमुद्दा
रतलाम, 28 अगस्त। अगर संस्थान या हाॅस्टल में किसी स्टूडेंट को उसके रंगरूप या पहनावे के आधार पर टिप्पणी की जाए। उसके स्वाभिमान को आहत किया जाए। उसे अजीबो-गरीब नाम लेकर पुकारने और प्रताड़ित करने को भी रैगिंग माना जाता है।

यह विचार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विष्णु कुमार सोनी ने व्यक्त किए। श्री सोनी मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग निषेध विधि पर जागरूक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभा पोरवाल के निर्देशन में हुए आयोजन में विशेष अतिथि न्यायाधीश अतुल यादव तथा मेडिकल काॅलेज के डीन डाॅ. संजय दीक्षित थे।

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मजाक से भी अपमानजनक तो रैगिंग

श्री सोनी ने कहा कि चिकित्सा प्राप्त कर रहे छात्रों को देश का भविष्य बताया। रतलाम एवं राष्ट्र का नाम गौरान्वित करेंगे। एंटी रैगिंग निषेध विधि पर जागरूक करते हुए कहा कि किसी स्टूडेंट को उसकी क्षेत्रीयता, भाषा या जाति के आधार पर अपमान6 जनक नाम लेकर पुकारना भी रैगिंग की श्रेणी में आत है। यदि किसी को धर्म, जाति या क्षेत्रीयता के आधार पर किसी छात्र को मजाक से भी अपमानजनक लगता है, तो उसे रैगिंग की श्रेणी में माना जाएगा।

दी कानून की जानकारी

न्यायाधीश श्री यादव ने एंटी रैगिंग निषेध विधि पर समय-समय पर बनाए गए कानूनों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान विजय शर्मा सहित प्राधिकरण के अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

तुलसी पौधे से स्वागत

प्रारंभ में चिकित्सा महाविद्यालय की ओर से अतिथियों का स्वागत तुलसी का पौधा देकर किया गया।

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