शिक्षिकाओं के सम्मान में नन्हें बच्चों ने चार लाइनें सुनाई, मुस्कान छाई

हरमुद्दा

रतलाम, 6 सितंबर। कुछ शर्माए, कुछ सकुचाए, कुछ ने जोश से अपनी चार लाइनें शिक्षिकाओं के सम्मान में जब सुनाई, तो शिक्षिकाओं के चेहरे पर मुस्कान छाई। बच्चों ने करतल ध्वनि से मुस्कान को हंसी में तब्दील कर दिया। मंचसीनों भी हंसे बिना नहीं रह सके।यह हुआ श्री महर्षि श्रृंग विद्यापीठ ब्राह्मणों का वास में। शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। आयोजन की मुख्य अतिथि शिक्षाविद डॉ. प्रवीण दवेसर थीं। अध्यक्षता विद्यापीठ प्रबंधन समिति के कन्हैयालाल तिवारी ने की। इस दौरान  प्रबंधन समिति के सतीश त्रिपाठी, अनिल पंड्या एवं प्रधानाध्यापिका शिल्पा राठौर मंचासीन की।

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शिक्षिकाओं का किया सम्मान

डॉ. दवेसर, श्री तिवारी, श्री त्रिपाठी ने प्रधानाध्यापिका शिल्पा राठौर, शिक्षिका कोमल शर्मा, नैना शर्मा, रुबीना खान, पूजा वर्मा, अयोध्या शर्मा, मनभरी उपाध्याय, निकिता तिवारी, मोनिका पवार, प्रज्ञा जोशी, रचना वानखेडे, नूपुर देवड़ा, संगीता शर्मा का सम्मानकर उपहार भेंट किए।

अतिथि का किया अभिनन्दन

मुख्य अतिथि डॉ. दवेसर का शाल श्रीफल से अभिनन्दन श्री तिवारी, श्री त्रिपाठी, प्रधानाध्यापिका श्रीमती राठौर ने किया। स्वागत भाषण श्री त्रिपाठी ने दिया।संचालन नूपुर देवड़ा ने किया। आभार प्रधानाध्यापिका शिल्पा राठौर ने माना।

बच्चों को शिक्षा और संस्कार से काबिल बनाती है शिक्षिकाएं

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शिक्षिकाओं पर छोटे बच्चों की बहुत बड़ी जिम्मेदारियां होती है और वे इसका निर्वाहन करने में कामयाब होती है। बच्चों को शिक्षा और संस्कार से काबिल व कामयाब बनाने का जतन करती हैं। छोटे-छोटे बच्चे भी शिक्षिकाओं की बातों को बड़े मनोयोग से ग्रहण करते हैं। बच्चों को हर दिन नया कुछ सीखना चाहिए।
◼ डॉ. प्रवीणा दवेसर

देश का नाम रोशन कर बच्चे

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आप सभी शिक्षिकाओं पर बच्चों को संस्कारवान बनाने की बड़ी जिम्मेदारियां हैं। अपना कार्य कर्त्तव्यनिष्ठा के साथ करते रहें ताकि नई पीढ़ी संस्कारित होकर देश का नाम रोशन कर सकें।
कन्हैयालाल तिवारी

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