दशकों पुरानी परंपरा का निर्वाह हो रहा जन सहयोग से: महाभारत के प्रसंगों को दर्शाया जाएगा झिलमिलाती झांकियों में
हरमुद्दा
रतलाम, 12 सितंबर। धर्म, संस्कृति, परंपरा से सरोकार रखने वाले शहरवासी के सहयोग से दशकों पुरानी गणेश विसर्जन की परंपरा का निर्वाह किया जाएगा।
गुरुवार की रात झिलमिल करती झांकियों में धार्मिक प्रसंगों को शामिल किया गया है। दो झांकी महाभारत के प्रसंगों की है जिसमें युद्ध और युद्ध के बाद की स्थितियां निर्मित की गई है। अखाड़ों के हजारों कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। घरों और पंडालों से रिद्धि सिद्धि के दाता गणेश जी के विसर्जन के आयोजन दिनभर चलेंगे। “मुद्दे” की बात यह है कि पुलिस व प्रशासन गणेश विसर्जन समारोह को लेकर सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं
उल्लेखनीय है शहर में झांकियों का कारवां काफी लंबा निकलता था, उस समय शहर में औद्योगिक क्षेत्र काफी समृद्ध था। श्री सज्जन मिल, अल्कोहल प्लांट, स्ट्रा बोर्ड, मोहता इस्पात, माडेला इस्पात, माहेश्वरी प्रोटींस सहित अन्य नामी उद्योगों के साथ विद्युत मंडल के माध्यम से 21 से अधिक झांकियां निकाली जाती थी।
जीवित रखा परंपरा को
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते धीरे-धीरे उद्योग बंद हो गए, मगर गणेश विसर्जन पर झांकियों की परंपरा को जीवित रखा है शहर वासियों के संगठनों ने। हर परिस्थिति में जोश, जुनून एवं उत्साह उत्सव के प्रति जन सहयोग से नजर आया है। “मुद्दे” की बात तो यह है कि गणेश विसर्जन के लिए शहरवासी तो सक्रिय हैं लेकिन जिला एवं पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता साफ नजर आ रही है।
8 अखाड़े व 12 झांकियां
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर में 12 झांकियां और 8 अखाड़े निकाले जाएंगे। 168 स्थानों पर शहर में गणेश जी की स्थापना हुई है, जिन का विसर्जन गुरुवार सुबह से शुरू हो जाएगा। आदर्श व्यायामशाला चांदनी चौक, जवाहर व्यायामशाला श्रम शिविर, पवन पुत्र व्यायामशाला साहू बावड़ी, अमृत सागर युवा मंच, आजाद क्लब चांदनी चौक, अनंत नारायण मंदिर दौलतगंज की झांकियां भी शामिल होंगी।
कब और कैसे होगी व्यवस्था
ए एसपी से जब “हरमुद्दा” ने जानकारी चाहिए कि शहर में कितने अखाड़े व झांकियां निकलेगी, कितना पुलिस बल लगेगा तो उनका कहना था अनुमति के लिए गुरुवार को सुबह तक आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसके बाद ही कुछ बता पाएंगे। “मुद्दे” की बात यह है कि जब सुबह तक आवेदन ही लिए जाएंगे तो फिर अनुमति कब दी जाएगी? और कैसे व्यवस्था को अमलीजामा पहनाया जाएगा? कितना पुलिस बल तैनात किया जाएगा? बल कहां से बुलाया जाएगा? झांकी का मार्ग क्या रहेगा? यह सभी प्रश्न अनुत्तरित है।
जरा भी सतर्क नहीं जिला प्रशासन
जिला प्रशासन अनंत चतुर्दशी महोत्सव को लेकर जरा सा भी सतर्क नहीं है। जबकि समीपस्थ जिले मंदसौर और शाजापुर में माहौल बिगड़ चुका है। यह तो गनीमत है कि रतलाम में गंगा जमुनी तहजीब के चलते व्यवस्थाएं बनी रहती है, वरना फिजा को बदलने में जरा भी देर नहीं लगेगी।
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कल्याण गुरु स्मृति मंच 27 वां वर्ष
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कल्याण गुरु स्मृति मंच की झांकी में रहेगा “भीम जरासंध का गदा युद्ध” का दृश्य
जरासंध की महाभारत के अलावा पुराणों में भी जरासंध की चर्चा बहुत बार हुई। वह मगध का और भारत का सबसे शक्तिशाली सम्राट था। कंस का ससुर था जरासंध। कंस के वध के बाद भगवान श्रीकृष्ण को सबसे ज्यादा यदि किसी ने परेशान किया तो वह था जरासंध। जरासंध को कुश्ती का बहुत शोक था।
जरासंध के अखाड़े में ही भीम से उसको चुनौती दिलवा दी। भीम ने श्रीकृष्ण के इशारे पर उसकी जंघा पकड़कर उसके दो टूकड़े कर दिए लेकिन वह फिर जुड़कर जिंदा हो जाता था। तब 14वें दिन श्रीकृष्ण ने एक तिनके को बीच में से तोड़कर उसके दोनों भाग को विपरीत दिशा में फेंक दिया। भीम, श्रीकृष्ण का यह इशारा समझ गए और उन्होंने वहीं किया। उन्होंने जरासंध को दोफाड़ कर उसके एक फाड़ को दूसरे फाड़ की ओर तथा दूसरे फाड़ को पहले फाड़ की दिशा में फेंक दिया। इस तरह जरासंध का अंत हो गया, क्योंकि विपरित दिशा में फेंके जाने से दोनों टुकड़े जुड़ नहीं पाए। झांकी का निर्माण मनोहर कुमावत व अशोक कुमार द्वारा किया गया है। कारपेंटर नरसिंह है।
झांसी की रानी का रूप धरे बच्चियां करेगी प्रदर्शन
गुरुवार की रात को आदर्श व्यायामशाला के चार हजार पहलवान कला का प्रदर्शन करेंगे। व्यायामशाला की बच्चियां “झांसी की रानी” का रूप धरकर हैरतअंगेज प्रदर्शन करेंगी। मुख्य रूप से आकर्षण लाइट का हजारा, आग की रिंग में से कूदना, नन्ही बालिकाओं द्वारा मलखंब प्रदर्शन, मुकदल प्रदर्शन सहित हैरतअंगेज कलाओं से शहरवासियों का परिचय करवाया जाएगा।
इनका रहेगा नेतृत्व
श्री द्वारकाधीश आदर्श आर्य युवक हिंद व्यायामशाला ट्रस्ट बोर्ड “आदर्श व्यायामशाला” के नत्थू पहलवान गवली, जगदीश पहलवान बबला, राजेंद्र शर्मा, झमक भरगट, अशोक जैन लाला, गिरधारी मामा, नवनीत सोनी, कैलाश भारतीय, विशाल शर्मा कालूराम गवली, शंकरलाल सेन, चंदर पहलवान, कन्हैयालाल, महावीर पहलवान के नेतृत्व में अखाड़ा व झांकी निकाली जाएगी।
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जवाहर व्यायामशाला 23 वां वर्ष
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“अर्जुन द्वारा श्री भीष्म पितामह को गंगा पान का दृश्य”
झांकियों में कोरवों और पांडवों के द्वारा महाभारत के धर्मयुध्द में पितामह भीष्म को बाण शय्या पर लेटे हुए और उन्हे अर्जुन द्वारा धरती पर बाण चलाकर गंगाजल से प्यास बुझाते हुए का दृश्य है।
तब हुआ था मोक्ष भीष्म का
महाभारत की एक कथा के अनुसार महाभारत में युद्ध करते हुए पितामह भीष्म ने वचनबद्ध होने के कारण कौरव पक्ष की ओर से युद्ध किया था किंतु सत्य एवं न्याय की रक्षा हेतु उन्होंने स्वयं ही अपनी मृत्यु का रहस्य अर्जुन को बता दिया था। अर्जुन ने शिखंडी की आड़ में भीष्म पर इस कदर बाण वर्षा की कि उनका शरीर बाणों से बिंध गया तथा वह बाण शय्या पर लेट गए किंतु उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति तथा प्रभु कृपा के चलते मृत्यु का वरण नहीं किया क्योंकि उस समय सूर्य दक्षिणायन था। जैसे ही सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश किया और सूर्य उत्तरायण हो गया, भीष्म ने अर्जुन के बाण से निकली गंगा की धार का पान कर प्राण त्याग, मोक्ष प्राप्त किया।
75 हजार बल्ब की रोशनी
झांकी आकर्षक विद्युत सज्जा के साथ व्यायामशाला परिसर से निकलेगी जिसमें 75 हजार बल्बों की विद्युत सज्जा राम प्रजापति, गोलु और संदीप सांकला द्वारा की गई। झांकियों के दृश्य का निर्माण कार्तिक माली द्वारा किया गया। झांकी में प्रसिद्घ लखन बैंड के लखन राणा एवं ढोल पार्टी के भूरू राणा पहलवानों में जोश भरेंगे।
शस्त्र के अलावा शारीरिक दक्षता का प्रदर्शन करेंगे तीन हजार पहलवान
लगभग तीन हजार पहलवान शस्त्रकला एवं शारीरिक दक्षताओं से परिपूर्ण हैरत अंगेज कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। नन्हे पहलवानों का नेतृत्व राष्ट्रपति पदक से सम्मानित मलखंब प्रशिक्षक शेखर चावरे, जितेन्द्र राणावत, मनीष नेपाली व अर्जुन द्वारा किया जाएगा।
इनका रहेगा नेतृत्व
जवाहर व्यायामशाला द्वारा पूर्व रतलाम केसरी एवं जवाहर व्यायामशाला के संरक्षक स्व. नारायण पहलवान की गौरवशाली परंपरा का निर्वाहन करते हुए व्यायामशाला के खलीफा बसंत पहलवान, संचालक वैभव जाट पहलवान, अध्यक्ष गौरव जाट पहलवान, सचिव राजीव रावत, अंतरराष्ट्रीय पहलवान सत्यदेव मलिक, मनोहर राठौर, निवास जाधव, ईश्वर बाबा, जगदीश चौहान, कान्तु पहलवान, बाबाुभाई चीन, कालु पहलवान, शंकर पहलवान, कैलाश वोरा, योगेश व्यास, नारायण तिवारी आदि के नेतृत्व में निकाला जाएगा।