पुस्तक यात्रा का नगरागमन: पुस्तकें प्रेमी को जीवन भर बहुत कुछ देती: चांदनीवाला

हरमुद्दा
रतलाम, 12 सितंबर। पुस्तकों के प्रति प्रेम जीवन को सार्थक बनाता है। जो व्यक्ति जीवन में पुस्तकों के प्रति प्रेम प्रदर्शित करता है, पुस्तकें उसे जीवन भर बहुत कुछ देती है। पुस्तकों से दोस्ती करने की जरूरत है।

यह विचार डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने व्यक्त किए। डॉ. चांदनीवाला पुस्तक यात्रा के आयोजन में श्री गुजराती समाज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय न्यू रोड पर मुख्य अतिथि के रूप में साहित्य प्रेमियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान शहर के सुधि श्रोता एवं साहित्यकार मौजूद थे।

पुस्तकों के प्रति हुआ एक वातावरण निर्मित
अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य संजय राज दुबे ने कहा कि पुस्तक यात्रा के माध्यम से विद्यालय में पुस्तकों के प्रति एक वातावरण निर्मित हुआ है जिससे आने वाले दिनों में विद्यार्थियों में पुस्तकों के प्रति प्रेम परिलक्षित होगा। संतोष कौशिक ने पुस्तकों के महत्व को रेखांकित किया। इस दौरान संतोष उपाध्याय, महीप भटनागर, केतन श्रोत्रिय ने भी विचार व्यक्त किए।

पुस्तक प्रदर्शनी का किया शुभारंभ
शहर भ्रमण के बाद पुस्तक यात्रा के श्री गुजराती समाज स्कूल पहुंचने के बाद पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ गुजराती समाज स्कूल के प्राचार्य संजय राज दुबे तथा ट्रस्टी किशोर भाई खिलोसिया, नटवर भाई पटेल, पुस्तक यात्रा संयोजक संतोष उपाध्याय, संतोष कौशिक, वनमाली सृजन केंद्र रतलाम के अध्यक्ष आशीष दशोत्तर, संयोजक शिरीष जोशी, मयूर व्यास ने फीता काटकर किया।

विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत

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कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा कविता, कहानी एवं चित्रकला की प्रस्तुति दी गई। उन्हें इस दौरान पुरस्कृत भी किया गया। अतिथियों एवं रचनाकारों को वनमाली सृजन केंद्र द्वारा स्मृति चिह्न भेंट किए गए।

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पुस्तकों का हुआ विमोचन

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यात्रा समन्वयक द्वारा विद्यालय को पुस्तकें भेंट की गई ।इस दौरान किताबें करती हैं बातें और आईसेक्ट पब्लिकेशंस दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। डॉ. शोभना तिवारी, संजय परसाई, कविता सूर्यवंशी, स्वतंत्र श्रोत्रिय, लक्ष्मण पाठक, मदन लाल यादव, मनोज, सुनील व्यास, प्रकाश हेमावत, रामचंद्र गहलोत ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन आशीष दशोत्तर ने किया। आभार डॉ तिवारी ने माना।

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