तनिक अनूठा प्रयोग : रतलाम के बतरसियाओं को न्यौता – हम बतियाएंगे: आप सुनिएगा

हरमुद्दा
रतलाम, 13 सितंबर। हिन्दी दिवस पर सामान्यतः व्याख्यान ही आयोजित होते हैं, लेकिन रोटरी क्लब, रतलाम ने इस बार लीक से अलग हटकर तनिक अनूठा प्रयोग किया है। इस आयोजन को नाम दिया गया है – ’चाँदनीवाला और बैरागी की बतकही।’ 14 सितंबर की शाम को 45 मिनट का समय निकालिए और नवाचार को सुनिए।

वेद ऋचाओं के हिन्दी में पुनर्लेखन के जरिए दुनिया का ध्यान आकृष्ट करने वाले, संस्कृत के उद्भट विद्वान्, रतलाम के पर्याय और पहचान बन रहे डॉ. मुरलीधर चाँदनीवाला से विष्णु बैरागी बतियाएंगे। विद्वजन द्वय बातें तो आपस में ही करेंगे, हिन्दी की ही करेंगे लेकिन कोशिश होगी कि हमारी बातें सुननेवालों को अपनी लगें।

सुनाने के लिए करेंगे बातें

साहित्यकार विष्णु बैरागी ने बताया कि मैंने रोटरी क्लब के कर्ता-धर्ताओं से बात कर ली है। हमारी यह बतकही, ‘जो चाहे सो आवे’ के आग्रह सहित सबके लिए खुली है। आप सबसे अनुरोध है कि हिन्दी के लिए तो आएं ही सही, इस (और ऐसे) प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए भी अवश्य पधारें और बाद में इसकी समीक्षा करते हुए बताएं कि ऐसे प्रयोग दुहराए जाएं या नहीं।

खास बात जो काम की 14 सितंबर को

◼ बतकही का समय: शाम 07ः30 बजे है।

◼ स्थान है – जी. डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल।

◼ कार्यक्रम का निर्धारित समय 45 मिनिट है।

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