“ओ मेरे पिता” काव्य संग्रह विमोचित: संवेदनाओं को प्रतिष्ठापित करने में साहित्य की महती भूमिका : एसपी
1 min readहरमुद्दा
रतलाम, 13 सितंबर। संवेदनाओं को प्रतिष्ठापित करने में साहित्य की महती भूमिका है। यह बात प्रदेश के लोकप्रिय दबंग और साहित्य प्रेमी एसपी गौरव तिवारी ने कही।
एसपी तिवारी मालवा के उभरते कवि कारुलाल जमड़ा के काव्य संग्रह ” ओ मेरे पिता” के रतलाम प्रेस क्लब में आयोजित विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।
विमोचन में थे मौजूद
श्री जमड़ा के माता-पिता और उनके सास-ससूर के अभिनंदन समारोह के अन्तर्गत कवि श्री जमड़ा के काव्य संग्रह का विमोचन साहित्यकार डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला, विशिष्ट अतिथि पूर्व जिलाशिक्षाधिकारी अमर वरधानी, एपीसी अशोक लोढ़ा, साहित्यकार प्रो. रतन चौहान, प्रसिद्ध चिंतक विष्णु बैरागी, रंगकर्मी ओमप्रकाश मिश्र, आशीष दशोत्तर, रमेश मनोहर की उपस्थिति में हुआ।
भविष्य की संभावनाओं वाला कवि है जमडा़
समारोह की अध्यक्षता करते हुए डॉ. चांदनीवाला ने कहा कि कवि जमड़ा की पूर्व कृतियों “वह बजाती ढोल” व “सफ़र संघर्षों का”की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उन्हें भविष्य की संभावनाओं वाला कवि बताया।
दीप प्रज्वलन से शुरुआत
कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्वलित किया। सरस्वती वंदना कु़.गार्गी एवं सिद्धि जमड़ा ने प्रस्तुत की। संचालन खरगोन के प्रसिद्ध कवि और मंच संचालक प्रवीण अत्रे ने किया।