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मानसून का आंकड़ा : रावटी को पछाड़ आलोट हुआ आगे, जिले में 2 गुना ज्यादा बारिश, भारी बारिश में किसानों के माथे टपक रहा पसीना

हरमुद्दा
रतलाम, 15 सितंबर। मानसून सत्र में बारिश की आंकड़े बाजी प्रतिस्पर्धात्मक हो गई है। अब तक जिले का रावटी अव्वल था, लेकिन अब आलोट पहली पायदान पर पहुंच चुका है। जिले में गत वर्ष से 2 गुना बारिश हो गई है। किसानों के माथे पर भरी बारिश में पसीना टपक रहा है। खेतों में पानी भरा हुआ है। फसलें तबाह हो गई है।

शुक्रवार से शनिवार सुबह तक 24 घंटे में बाजना 10 इंच बारिश होने और तालाब फूटने के बाद शनिवार से रविवार तक 24 घंटे में आलोट में 6 इंच बारिश हो गई। इस तरह जिले में शनिवार तक रावटी बारिश के आंकड़ों के मामले में अव्वल होते हुए 67.68 इंच बारिश दर्ज हुई थी, वही रविवार को आलोट ने 6 इंच की छलांग लगाते हुए 71.32 इंच बारिश के साथ पहली पायदान पर आ चुका है।

रतलाम सबसे पीछे
रविवार को सुबह 8:00 बजे तक रावटी में 68.72 इंच बारिश दर्ज हुई। ताल में 70.48 इंच, जावरा में 61.4 इंच, सैलाना में 58.2 इंच, बाजना में 55. 28 इंच, पिपलौदा में 55.24 इंच और रतलाम में 50. 6 इंच बारिश अब तक दर्ज हुई है।

जिले में 31.092 इंच अधिक बारिश
जिले में गत वर्ष 30.27 इंच बारिश 15 सितंबर तक दर्ज हुई थी, जबकि इस बार 61.36 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। जो कि गत वर्ष की तुलना में 31.0 92 इंच अधिक है।

24 घंटे में 2.46 इंच बारिश दर्ज
रविवार सुबह 8:00 बजे तक जिले में मौसम विभाग ने 2.46 इंच बारिश दर्ज की है सर्वाधिक बारिश आलोट में 6.4 इंच, ताल में 5.48 इंच, बाजना में 2.2 इंच, सैलाना में 2.44 इंच, पिपलोदा में 1.84 इंच, जावरा में 1.36 इंच, रावटी में 1 इंच तथा रतलाम में सबसे कम 5 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है।

सोयाबीन की फसल हुई बर्बाद

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आलोट विकासखंड के आबू पूरा गांव के सैकड़ों किसानों की सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई है। काश्तकार मानसिंह डांगी ने बताया कि एक पखवाड़ा पहले इल्ली के कारण फसल प्रभावित हुई थी। कृषि मंत्री सचिन यादव को मुआवजे को लेकर ज्ञापन भी दिया था। जो कुछ बचा था वह भी भारी बारिश ने तबाह कर दिया है। सोयाबीन के खेतों में पानी बहकर निकल रहा है।

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मुंह से आया निवाला छीन लिया

खारवाकला के मोहित व्यास का कहना है सैकड़ों बीघा में फसल नष्ट हो गई है। किसानों के मुंह से आया निवाला छीन गया है। भारी बारिश में किसानों के माथे अब पसीना टपकने लगा है। उम्मीद और मेहनत पानी में डूब चुकी है।

खराब हुई सोयाबीन की सर्वे रिपोर्ट रविवार शाम तक

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जिले के किसानों ने 2 लाख 22 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी की है। सैलाना व बाजना को छोड़कर आलोट, जावरा, रतलाम, पिपलौदा आदि क्षेत्रों में सोयाबीन को अधिक नुकसान होने का अंदेशा है। ढलान वाली जमीन पर तो फसल थोड़ी ठीक है। लेकिन गहराई वाले क्षेत्रों के खेतों में जल जमाव होने के कारण फसल खराब होने का अंदेशा है। कई खेतों में फली में फिर से अंकुरण होने लगा है। जिले के राजस्व निरीक्षक पटवारी सहित अन्य लोग सर्वे में लगे हुए हैं।
रविवार की शाम तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है। तभी पता चलेगा कि कितने हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल खराब हुई है।

◼ भीका वास्के, सहायक संचालक, कृषि

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