गैंगरेप के खिलाफ रतलाम में रचा नया इतिहास

अरुण त्रिपाठी, अभिभाषक

रतलाम, 27 सितंबर। लैंगिक अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश के कोर्ट रूम में वकीलों ने रात भर जज का इंतजार किया।

◼ शुक्रवार को भी दोपहर तक डटे अभिभाषक
◼ सुबह उच्च स्तर पर जज, एसपी आदि के खिलाफ पत्र भेजा।
◼ गुरुवार शाम को गैंगरेप के आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के बाद गुस्सा फूटा।
◼ जज ने घर से रात्रि में दिए आरोपियों को डायरी सहित अगले दिन न्यायलयीन समय मे फिर पेश करने के आदेश।
◼ इससे पहले वे वकीलों को कोर्ट रूम में प्रोसिडिंग लिखने का कहकर अपने कक्ष में गए और बाद में बिना कुछ बताए घर चले गए।
◼ वकीलों के आक्रोश पर पुलिस ने बनाया ताबड़तोड़ पुलिस रिमांड का आवेदन बनाकर जज के घर भेजा।
◼ जज के वापस नहीं आने पर वकील कोर्ट रूम में डटे तो रात्रि में सीजेएम और जेएमएफसी को भेजा गया, लेकिन बात नहीं बनी।
◼ जजों के जाने के बाद देर रात एसपी कोर्ट पहुंचे, लेकिन उन्हें वापस लौटना पड़ा।
◼ जिला जज ने नाजिर के जरिए नोटिस भेजा, वकीलों ने जवाब दिया और कोर्ट रूम में रातभर निकाली

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◼ शुक्रवार सुबह कोर्ट लगी, लेकिन वकीलों ने कार्य से विरत रहने की घोषणा कर दी।
◼ लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश के कोर्ट रूम में पहले गैंगरेप केस के अनुसंधान अधिकारी और टीआई पहुंचे तथा आरोपियों का रिमांड मांगा। कोर्ट ने एक दिन 28 सितंबर तक रिमांड में रखने का आदेश दिया।
◼ विशेष न्यायाधीश साबिर अहमद खान ने वकीलों का पक्ष सुना और आखिर में रात के घटनाक्रम के लिए खेद जताया।
◼ वकीलों को गुरुवार शाम 6 बजे से शुक्रवार दोपहर 1 बजे तक चले घटनाक्रम में अपार जनसमर्थन मिला। जनसमुदाय ने रात्रि में वकीलों के लिए चाय, भोजन का प्रबंध भी किया।
◼ शुक्रवार दोपहर भारी भीड़ के बीच मामले का पटाक्षेप। कोर्ट में काम चला, लेकिन वकील रहे कार्य से विरत।
◼ अब सबको 28 सितंबर का इंतजार कि पुलिस क्या कदम उठाएगी?

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