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भागते हुए क्षणों को कैद कर लेना कला का काम: प्रणयेश

भागते हुए क्षणों को कैद कर लेना कला का काम: प्रवेश

🔳 डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन स्मृति शोध संस्थान में आयोजन

🔳 शरद उत्सव पर काव्य संध्या

हरमुद्दा
रतलाम, 15 अक्टूबर। भागते हुए क्षणों को कैद कर लेना कला का काम है और चंद्रमा आज अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण है।
यह विचार समालोचक एवं प्रसिद्ध कवि शांतिलाल जैन ‘प्रणयेश’ ने व्यक्त किए। श्री प्रणयेश डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन स्मृति शोध संस्थान में शरद पूर्णिमा पर आयोजित काव्य संध्या में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

काव्य रचना से शरद का अभिनंदन किया रचनाकारों ने

कार्यक्रम के विशेष अतिथि प्रसिद्ध शायर अब्दुल सलाम को करने चांदनी का महत्व बताते हुए चांदनी से रात काली धूल जाएगी गीत पढ़ाओ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षाविद डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने कोजागिरी पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए वाल्मीकि ऋषि के जीवन एवं क्रौंच मिथुन के वृद्ध के वृतांत पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर शरद की चांदनी पर शहर के सुप्रसिद्ध रचनाकारों ने अपनी काव्य रचना से शरद का अभिनंदन किया। आशीष दशोत्तर ने आता बल खाता आए यह पूनम का चांद, राजेश रावल ने निशा निमंत्रण नंबर का तुम्हें पाने को मैंने पुराण बांचे, आजाद भारती ने आज स्वप्न के शहर से तुम्हारा प्रेम पत्र मिला है, सुभाष यादव ने जहां तिरंगा लहराता वह भारत देश महान है, लक्ष्मण पाठक ने प्रेम प्रणय तो हो जाने दो अभी कुछ पल फेरो, सिद्धकी रतलामी ने लहजा बदल के फरिश्ते नहीं बने हमेशा झूठ बोल के सच्चे नहीं बने ग़ज़ल पढ़ी। राजावत जीने में युग युग का अनुराग लिए आया हूं, डॉक्टर सोमनाथ तिवारी ने मुझसे चांद कहा करता है, अखिलेश ने चंद्रमा अब उन्हें रचना पढ़ी।

मीरा जयंती पर हुआ मीरा के पदों का गायन

इस अवसर पर मीरा की जन्मतिथि होने पर मीरा के पदों का गायन रश्मि उपाध्याय द्वारा किया गया।

यह थे मौजूद

इस अवसर पर सीमा राठौर, श्रद्धा शर्मा, स्नेह लता निगम, राजेश कोठारी, रश्मि करडेकर, कीर्ति पंचोली, दिनेश तिवारी एवं प्रतिष्ठा तिवारी उपस्थित थे। संचालन अखिल स्नेही ने किया। आभार शोभना तिवारी ने माना।

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