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प्रदेश के स्कूल कॉलेजों में 9 नवंबर को अवकाश, अयोध्या विवाद सुप्रीम कोर्ट शनिवार को सुनाएगा अपना फैसला

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🔳 रतलाम में शनिवार को स्कूल कॉलेज में रहेगा अवकाश

🔳 यूपी में 3 दिन के लिए स्कूल कॉलेज रहेंगे बंद
हरमुद्दा
शुक्रवार, 8 नवंबर। सुप्रीम कोर्ट कल यानि शनिवार को दशकों पुराने अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाएगा। इसके चलते मध्य प्रदेश के साथ रतलाम के सभी स्कूल कॉलेजों में 9 नवंबर को स्कूल कॉलेज में अवकाश रहेगा।

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रतलाम कलेक्टर रुचिका चौहान ने “हरमुद्दा” से चर्चा में बताया कि जिले के सभी शासकीय एवं अशासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल एवं महाविद्यालयों में शनिवार को अवकाश घोषित किया गया है। कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में 3 दिन के लिए अवकाश घोषित किया गया है। 9 से 11 नवंबर तक सभी स्कूल कॉलेज एवं ट्रेनिंग सेंटर बंद रहेंगे।

केंद्र ने किया है सभी राज्यों को अलर्ट

जानकारी के अनुसार सुबह 10 बजे तक फैसला आ सकता है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अलर्ट रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह अन्य सीनियर अधिकारियों के बीच बैठक हुई।

मुख्य न्यायाधीश की मौजूदगी में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनाएगी फैसला

भारत के सबसे संवेदनशील, धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों में से एक राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ शनिवार को फैसला सुनाएगी। ये फैसला मुख्य न्यायाधीश गोगोई द्वारा उत्तर प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों से राज्य में कानून-व्यवस्था की तैयारियों को पूरा करने के घंटों बाद किया गया। गोगोई के अलावा इस संविधानिक पीठ में एसए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नाज़ेर जैसे न्यायाधीश शामिल हैं।

1885 में पहली बार जिला न्यायालय पहुंचा विवाद

गौरतलब है कि अयोध्या विवाद में पहली बार हिंसा 1853 में हुई और कुछ सालों में ही मामला गहरा गया। 1885 में विवाद पहली बार जिला न्यायालय पहुंचा। निर्मोही अखाड़े के महंत रघुबर दास ने फैजाबाद कोर्ट में मस्जिद परिसर में मंदिर बनवाने की अपील की पर कोर्ट ने मांग खारिज कर दी। इसके बाद सालों तक यह मामला चलता रहा है। 1934 फिर दंगे हुए और मस्जिद की दीवार और गुंबदों को नुकसान पहुंचा।

तब लगवा दिया था ताला

ब्रिटिश सरकार ने दीवार और गुंबदों को फिर से बनवाया। कहा जाता है कि 1949 में मस्जिद में श्रीराम की मूर्ति मिली। इस पर विरोध व्यक्त किया गया और मस्जिद में नमाज पढ़ना बंद कर दिया गया। फिर दोनों पक्षों ने लोग कोर्ट पहुंच गए। इसपर सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर ताला लगवाया दिया।

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