ताकड़ी 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर " गाड़ी पर या ताकड़ी नी संभले है'... यह कहते हुए उसने अपने पति से...
विविध
भय -निर्भय 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर "सोच रहा हूं एक हेल्थ प्लान ले ही लूँ।" उनके मुंह से यह वाक्य...
फटी चादर 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर शहर अनलॉक होने के बाद उसकी दुकान के सामने से पहली बार गुज़रना हुआ।...
🔲 एक लाख से ज्यादा दीवारों पर महिलाओं द्वारा की गई पेंटिंग में बखूबी चित्रित होता है आसपास का पर्यावरण...
हाथ हैं, काम नहीं 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर सुबह-सुबह एक परिचित का फोन आया, कोई मिस्त्री है क्या? थोड़ा काम...
🔲 श्री गढ़ कैलाश मंदिर में व्यवस्थाएं दिखी आदर्श 🔲 कई शासकीय मंदिर में भी नहीं सेनीटाइजर की व्यवस्था 🔲...
🔲 मुंबई से आने के बाद किया गया था क्वॉरेंटाइन 🔲 पार्टी के बाद संदिग्ध की आई रिपोर्ट पॉजीटिव 🔲...
ज़िन्दगी अब -5 : क्या बजे बाजे ? 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर वटवृक्ष की पूजा के लिए एकत्रित महिलाओं के...
श्रमिक बेचारा 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 मंजुला पांडेय ऊँचे महलों में बैठे ये जुमलेकारों की बातें बैठे ऊँची गद्दी पर आलिम-हाकिमों की...