⚫ शिक्षक सम्मान समारोह में प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा ⚫ भारतीयता और मूल्यों के विकास ही से देश बनेगा...
छिंदवाडा
⚫ कमलनाथ का गढ़ बिखेरने की योजना ⚫ छिंदवाड़ा जिले फिर होंगे टुकड़े ⚫ वर्तमान में है जुन्नारदेव विधानसभा सीट...
⚫ कई सालों से खड़ी है घर के पीछे कंडम गाड़ी ⚫ पड़ोसियों ने देखा गाड़ी को जलते हुए और...
⚫ मंत्री को भी पैर में चोट ⚫ गंभीर घायलों को किया रेफर ⚫ कांग्रेसी हुए एकत्र, की नारे बाजी...
⚫ डीजे गाड़ी में लोहे के पाइप पर लगा था झंडा, हाईटेंशन लाइन से हो गया टच हरमुद्दाछिंदवाड़ा 10 अप्रैल।...
‘जीवन के दुःख-दर्द हमारे बीच ही हैं और खुशियां भी हमारे करीब।ज़रूरत इन्हें देखने और महसूस करने की है। सड़क पर चलते हुए जब किसी आदिवासी के फटे पैर दिखते हैं तो भीतर का कवि जाग जाता है।उस पीड़ा को वही समझ सकता है जो उस आदिवासी के प्रति संवेदना रखता हो।‘ इन संवेदनाओं को अपने सक्रिय जीवन में कई बार अभिव्यक्त करते रहे हिन्दी और मालवी के कवि, डाॅ. देवव्रत जोशी आम जनता की पीड़ा, दुःख-दर्द से, कलम और देह से उसी तरह जुड़े रहे जिस तरह कोई शाख पेड़ से जुड़ी रहती है। पाॅच दशक तक निरंतर लिखते हुए देवव्रत जी ने साहित्य के कई उतार-चढ़ाव देखे। वे छंदबद्ध रचना छंदमुक्त दौर के सर्जक/साक्षी रहे। उन्होंने गीत-नवगीत और नई कविताएॅं लिखी। उनकी कलम जब भी चली नई परिपाटी को गढ़ती चली गई। ज़िन्दगी से लम्बी जद्दोजहद के...
🔲 कुछ लोगों की मनमानी और नादानी से होगी सभी को परेशानी 🔲 31 मार्च तक स्कूल-कॉलेज बंद हरमुद्दाभोपाल/रतलाम, 24...
हरमुद्दाभोपाल, 12 मार्च। भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को पूरे प्रदेश में समारोहपूर्वक मनाने के लिए 'आजादी का...
🔲 मुख्यमंत्री शुक्रवार को करेंगे 100 दीनदयाल रसोई केन्द्रों का शुभारंभ रसोई केन्द्र 52 जिला मुख्यालय और 6 धार्मिक...