बुरे वक्त की भलाई 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर "किसी भी समय को बुरा क्यों कहते हो भैया। बुरा समय किसी...
मणिपुर
गरीबी में गुड़ गीला 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर " गुड़ है क्या?" एक ग्राहक ने जैसे ही उससे पूछा उसके...
कर्ज़दार 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर " पूरे पचास हजार की कर्ज़दार हो गई हूं। यह कर्ज़ कैसे चुकता होगा, कब...
बूंद अहसासों की एक बूंद तुम्हारे अहसासों की मेरी नज़रों पर ठहर गई एक बूंद तुम्हारी मुस्कानों की मेरे...
🔲 नरेंद्र गौड़ विगत अनेक वर्षों से प्रयागराज निवासी गीता सिंह की कविताएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही है।...
गुब्बारे 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर बारिश शुरू हुई और वह खुद को बचाते हुए दुकान के शेड में आ खड़ा...
बैलेंस शीट 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर वह अर्थशास्त्र की विद्यार्थी रही। उसे सबसे अधिक रुचि बैलेंस शीट बनाने, कैश बुक...
घर से काम 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर देश के बहुत व्यस्त और बड़े शहर में उसकी नौकरी है। पिछले वर्ष...
वह सुशांत सिंह नहीं 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर "एक अच्छा कलाकार चला गया।" यह शब्द सुनकर उस तरफ देखा तो...