सीख : वैज्ञानिक व्याख्या की गई विभिन्न अंधविश्वासों की, 173 विज्ञान शिक्षक जुड़े

 जादू नहीं विज्ञान का जिला स्तरीय ऑनलाइन हुआ शिक्षक प्रशिक्षण

 नवाचार : 10 वी बोर्ड के सैद्धान्तिक और प्रायोगिक सिलेबस से जुड़े प्रयोग भी सिखाए

हरमुद्दा
रतलाम, 5 दिसंबर। जिला स्तरीय जादू नहीं विज्ञान- समझना और समझाना आसान है ‘ कार्यक्रम के अंतर्गत हाई स्कूल में विज्ञान पढाने वाले शिक्षकों का जिला स्तरीय ऑनलाईन प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। विभिन्न अंधविश्वासों की वैज्ञानिक व्याख्या की गई। नवाचार के तहत 10 वी बोर्ड के सैद्धान्तिक और प्रायोगिक सिलेबस से जुड़े प्रयोग भी सिखाए।

एडीपीसी  रमसा अशोक लोढा ने हरमुद्दा को बताया कि जिला विज्ञान अधिकारी गजेंद्र सिंह राठौर के नेतृत्व में प्रशिक्षण के दौरान राज्य स्तर से प्राप्त गतिविधि पुस्तिका के आधार पर चमत्कारिक ढंग से स्वागत सामग्री प्रकट करना, निम्बू से खून निकलना, नारियल में पानी से आग लगना, अपने आप आग प्रकट होना, रसायनों से रंग बदलना, गैसों का चमत्कारिक तरीके से निकलना आदि चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या की गई।

ऑनलाइन प्रशिक्षण देते गजेंद्र सिंह राठौर व अन्य

दसवीं के सिलेबस से जुड़े चमत्कारिक प्रयोग भी बताए

प्रस्तुतकर्ता अनिल मिश्रा और गिरीश लहवासिये ने इन चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या के साथ-साथ विस्थापन अभिक्रिया, संयोजन अभिक्रिया, द्विविस्थापन, लिटमस टेस्ट, धातुओं के गुणों से सम्बंधित चमत्कारिक प्रयोग भी दिखाए जिनकी व्याख्या प्राचार्य संध्या वोरा ने की।

173 विज्ञान शिक्षक जुड़े

कार्यक्रम समन्वयक जितेंद्र जोशी ने बताया कि ऑनलाइन हुई इस दो घण्टे चली गतिविधि से जिले के 186 में से 173 हाई स्कूल के विज्ञान शिक्षक जुड़े, जो कि एक रिकॉर्ड है।

स्कूल स्तर से लेकर जिला स्तर तक होगी प्रतियोगिता

जिला शिक्षा अधिकारी के सी शर्मा ने बताया कि आयुक्त लोक शिक्षण के निर्देधानुसार ये गतिविधि विद्यालय स्तर पर हाइस्कूल के समस्त बच्चो के बीच सम्पन्न होगी जिससे उन्हें न सिर्फ चमत्कारों के पीछे छिपे विज्ञान की जानकारी होगी बल्कि आगामी परीक्षा की तैयारी में भी मदद मिलेगी।चयनित बच्चे ब्लॉक और जिला स्तर पर भाग लेंगे।

इनका रहा तकनीकी सहयोग

ऑनलाइन प्रशिक्षण के आयोजन में जिला विज्ञान अधिकारी गजेंद्र सिंह राठौर और व्याख्याता आर सी मईड़ा ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया।

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