फैसला : तालाब से पानी लेने के विवाद में धारदार हथियार से हमला करने वाले तीन आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा

⚫ मामला फरवरी 2017 का
⚫ दोनों पक्ष में हुई थी फ्री फाइट
⚫ आरोपी ताज मोहम्मद की हुई थी मौत
हरमुद्दा
रतलाम, 12 अप्रैल। गांव में तालाब से पानी लेने को हुए विवाद में फरियादियों को धारदार हथियार से गंभीर चोट पहुंचाई। न्यायाधीश ने मामले में सुनवाई करते हुए साक्ष्य के आधार पर तीन आरोपी शहादत हुसैन, असलम तथा शरीफ खान को सप्तम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव ने 5 -5 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही अर्थ दंड से दंडित किया गया।
अतिरिक्त लोक अभिजक संजीव सिंह चौहान ने बताया कि 11 फरवरी 2017 को रात करीब 9:15 ग्राम चितावाद तालाब पर फरियादी दिलीप सिंह की दो मोटर चल रही थी। ताज मोहम्मद की एक मोटर चल रही थी। ताज मोहम्मद ने दिलीप सिंह की दोनों मोटर चालू कर शाम को जला दिया। जब फरियादी ने ताज मोहम्मद से कहा कि एक ही डीपी से सभी मोटर चल रही हैं। तब ताज मोहम्मद की मोटर नहीं चली और फरियादी की दोनों मोटर कैसे जल गई।
कर दिया प्राण घातक हमला
मौके पर आरोपी ताज मोहम्मद शहादत हुसैन शरीफ वह असलम तालाब के किनारे मोटर के पास ताप रहे थे। ताज मोहम्मद के पास एक लोहे का हत्था वाला दरिया था, जिसे उसने दिलीप सिंह के लड़के योगेंद्र पर हमला कर दिया। जब उसका भतीजा हितेंद्र सिंह योगेंद्र को छुड़ाने लगे तो चारों आरोपियों ने मिलकर हमला कर दिया। शहादत हुसैन ने लोहे की दराती से हितेंद्र के सिर पर मारी थी। असलम खान हाथ में लोहे की कटार थी, जिसे उसने सिर पर जानलेवा हमला कर दिया था तथा शरीफ खान के हाथ में लोहे की कटार थी, जिससे भी उसने प्राण घातक हमला कर दिया था।
फरियादी के सिर और हाथ में आई थी चोट
फरियादी के सिर, हाथ बाय उंगली में चोट आई थी तथा योगेंद्र के बाएं हाथ और सर में चोट आई थी तथा हितेंद्र के सिर व हाथ पर चोट आई थी फरियादी दिलीप सिंह द्वारा आरोपी के विरुद्ध अस्पताल में रिपोर्ट कराई थी और उसके पश्चात पुलिस द्वारा थाने पर आरोपी गण के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया था।
दोनों पक्ष में हुई थी फ्री फाइट
विवेचना उपरांत आरोपियों के विरुद्ध धारा 326 भादवी तथा धारा 25 आयुध अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। शासकीय तालाब से पानी लेने के लिए दोनों पक्षों के मध्य फ्री फाइट हुई थी जिसमें से एक पक्ष के ताज मोहम्मद की मृत्यु इस प्रकरण के फरियादी द्वारा की गई थी।
प्रकरण पहुंचा न्यायालय में
इस प्रकरण के तीन आरोपी शहादत हुसैन, असलम तथा शरीफ खान के विरुद्ध विचारण सप्तम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव के न्यायालय में किया गया था, जहां पर अभियोजन द्वारा अपने साक्ष्य व तर्क न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे।
तीन आरोपियों को पांच-पांच वर्ष की सजा
इस प्रकरण के अन्य आरोपी ताज मोहम्मद की फ्री फाइट में हत्या हो गई थी जिसका विचारण भी सप्तम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में ही किया गया था। इस प्रकरण के आहत दिलीप सिंह, हितेंद्र सिंह तथा योगेंद्र सिंह को आरोपियों द्वारा धारदार हथियारों से सुसज्जित होकर मारपीट करने तथा गंभीर चोट पहुंचने का दोषी पाया। सप्तम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव द्वारा आरोपी शहादत हुसैन पिता एकता नूर, असलम पिता अहमद नूर और शरीफ खान पिता अहमद नूर सभी निवासी ग्राम चितावद तहसील व जिला रतलाम को 5-5 वर्ष का कारावास एवं ₹2000-2000 के अर्थ दंड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभिजक संजीव सिंह चौहान द्वारा की गई।