"बलिहारी गुरु आपकी"... का हुआ विमोचन

⚫ हुई गुरु के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित
⚫ उपचाररत हैं प्रोफेसर अज़हर हाशमी
हरमुद्दा
रतलाम, 7 जून। भावुक करने वाला क्षण .. जब अस्पताल में गंभीर बीमारी से जूझ रहे अपने गुरु के जल्द स्वस्थ होने के लिए शिष्यों ने अपनी शुभकामनाओं, प्रार्थनाओं और उनके प्रति कृतज्ञता भाव व्यक्त करते हुए अस्पताल में ही प्रो. अज़हर हाशमी पर केंद्रित पुस्तिका "बलिहारी गुरु आपकी" का विमोचन कर उन्हें समर्पित की तो सभी की आँखें श्रद्धा भाव से भीग गई।
प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि, गीता मनीषी, भारतीय संस्कृति के अध्येता, वेदों के ज्ञाता और सूफ़ी परम्परा के संवाहक प्रो. अज़हर हाशमी जी के प्रति उनके शिष्यों /विद्यार्थियों ( महाविद्यालय विद्यार्थी परिवार ) ने अपने कृतज्ञता भाव को व्यक्त करने के लिए अनोखे अंदाज में प्रो. हाशमी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित पुस्तिका प्रकाशित कर शिष्यों ने गुरु के प्रति श्रद्धा भाव को प्रकट किया।
हुआ विमोचन
पुस्तिका का शीर्षक गुरु के प्रति समर्पित भाव को व्यक्त करता "बलिहारी गुरु आपकी " रखा गया। पुस्तिका का विमोचन प्रसिद्ध रंगकर्मी , लेखक और समाजसेवी कैलाश व्यास एवं जयपुर से आई वरिष्ठ पत्रकार, सक्षम संचार फाउंडेशन की निदेशक अर्चना शर्मा द्वारा किया गया।
प्रो. हाशमी का मार्गदर्शन मेरे जीवन की अनमोल संपदा
पुस्तिका का विमोचन करते हुए कैलाश व्यास ने कहा कि जैसे गंगा जल का आचमन करने से हम पवित्र हो जाते हैं वैसे ही श्रद्धेय हाशमी जी का व्यक्तित्व और ज्ञान गंगा जल के समान पवित्र है जिसका आचमन कर उनके शिष्य संस्कारों और विचारों की पवित्रता को प्राप्त कर लेते हैं । इनका मार्गदर्शन मेरे जीवन की अनमोल संपदा है ।
भारतीय संस्कृति की गुरु शिष्य परम्परा को रखा जीवंत
वरिष्ठ पत्रकार एवं सक्षम संचार फाउंडेशन की निदेशक अर्चना शर्मा ने कहा कि प्रो. अज़हर हाशमी जी ने भारतीय संस्कृति की गुरु शिष्य परम्परा को जीवंत रखा है। शिष्यों के प्रति उनका स्नेह और वात्सल्य भाव अद्भुत है। शिष्य भी उनके प्रति असीम श्रद्धा भाव रखते हैं। इसका प्रमाण है उनके शिष्यों द्वारा उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए पुस्तिका "बलिहारी गुरु आपकी" प्रकाशित करना । आज के इस समय में ऐसे भावपूर्ण से भरे गुरु शिष्य संबंध दुर्लभ है।
आलेखों द्वारा प्रो . हाशमी जी के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किए शिष्यों ने
पुस्तिका "बलिहारी गुरु आपकी " के बारे शिक्षाविद डॉ. प्रवीणा दवेसर ने बताते हुए कहा कि इस पुस्तिका में प्रो. अज़हर हाशमी जी के शिष्यों ने अपने आलेखों द्वारा प्रो . हाशमी जी के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किए हैं। इन आलेखों में प्रो .हाशमी जी का गुरु के रूप में प्राप्त सान्निध्य और शिष्यों को जीवन में दिए उनके मार्गदर्शन, चिंतन और प्रेरणा से जुड़े संस्मरण हैं। इसके साथ ही प्रो . हाशमी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में भी उनके शिष्यों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है ।
पुस्तिका ने इन सभी के हैं आलेख
श्वेता नागर ने पुस्तिका की भूमिका आभार और कृतज्ञता का वाचन किया। पुस्तिका में वरिष्ठ साहित्यकार मुरलीधर चांदनीवाला, प्रसिद्ध रंगकर्मी कैलाश व्यास, आई.एस अरुण जैन, शिक्षाविद डॉ. प्रवीणा दवेसर, साहित्यकार आशीष दशोत्तर, वरिष्ठ पत्रकार पंकज शुक्ला, नीरज शुक्ला, हेमंत भट्ट, आरिफ कुरैशी, तुषार कोठारी, वैदेही कोठारी, महाविद्यालय परिवार के संयोजक और अधिवक्ता सतीश त्रिपाठी, अधिवक्ता मनमोहन दवेसर, लेखिका श्वेता नागर, नंदिनी सक्सेना, विजय सिंह रघुवंशी सहित कई शिष्यों के आलेख हैं।
गुरु के प्रति मेरे शिष्यों द्वारा कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए पुस्तिका का प्रकाशन यह एक नवाचार
इस अवसर पर लंबे समय से बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती प्रो. अज़हर हाशमी ने शिष्यों के गुरु के प्रति समर्पित भावों को व्यक्त करती पुस्तिका "बलिहारी गुरु आपकी" के विमोचन अवसर पर भावुक होकर कहा कि मेरे यानी अपने गुरु के प्रति मेरे शिष्यों द्वारा कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए पुस्तिका का प्रकाशन ,यह एक नवाचार है। अक्षर ब्रह्म है और यह भ्रम यानी अहंकार का नाश करता है। इसके लिए उन्होंने काकभुशुंडी और नारद मुनि के प्रसंगों का भी उल्लेख किया। मुझे अपने शिष्यों पर गर्व है । शिष्यों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि अपनी संस्कारों की संपदा को अक्षुण्ण बनाए रखें। नैतिक मूल्यों के मार्ग पर चलते रहें। समाज, राष्ट्र के हित में सत्कर्म करते रहें ।
यह थे मौजूद
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार नीरज शुक्ला, हेमंत भट्ट, आरिफ कुरैशी, तुषार कोठारी, वैदेही कोठारी, मनमोहन दवेसर , अदिति दवेसर, नंदिनी सक्सेना, स्मिता शुक्ला, प्रो. हाशमी जी के भाई मुख्तार हाशमी और मजहर हाशमी भी उपस्थित रहे। महाविद्यालय विद्यार्थी परिवार की ओर से सतीश त्रिपाठी ने आभार व्यक्त किया।