धर्म संस्कृति : मानव के कल्याण के लिए श्रीमद् देवी भागवत कथा अमृत के समान
⚫ अंतरराष्ट्रीय कथाकार आचार्य सत्यव्रत शास्त्री ने कहा
⚫ श्री विष्णु मंदिर, अलमेरे में श्रीमद् देवी भागवत कथा
⚫ समापन महोत्सव 1 अक्टूबर को
हरमुद्दा
नीदरलैंड 28 सितंबर। श्रीमद् देवी भागवत के श्रवण मात्र से मनुष्य के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। मानव के कल्याण के लिए कथा अमृत के समान है। प्राणी श्रवण मात्र से अपना और अपने कुटुंब का कल्याण कर सकता है। सच्चे हृदय और जगत कल्याण की कामना को लेकर जो भी इस कथा का श्रवण करता है, उसके सभी जन्मों के पाप धुल जाते हैं।

आचार्य शास्त्री कथा श्रवण करते हुए
यह विचार अंतरराष्ट्रीय कथाकार आचार्य सत्यव्रत शास्त्री ने व्यक्त किए। आचार्य शास्त्री नीदरलैंड में नवरात्रि महोत्सव के तहत चल रहे श्रीमद् देवी भागवत कथा में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। मध्य प्रदेश के रतलाम में रहने वाले आचार्य शास्त्री इन दिनों में देवी भागवत कथा करने के लिए गए हैं। नीदरलैंड के अलमेरे शहर के श्री विष्णु मंदिर में भक्तों को देवी की महिमा श्रवण करवा रहे हैं।

श्री विष्णु मंदिर में विराजे भगवान की प्रतिमाएं
मोक्ष के तरीकों पर केंद्रित है श्रीमद् देवी भागवत कथा
आचार्य शास्त्री ने कहा श्रीमद् देवी भागवत कथा, श्रीमद् देवी भागवत महापुराण से ली गई है, जो एक महान भक्ति ग्रंथ है जिसमें देवी भगवती की महिमा और उनके विभिन्न स्वरूपों का वर्णन है। यह कथा भक्त और भगवान के मध्य संबंध, संसार के निर्माण में देवी की भूमिका तथा मोक्ष प्राप्त करने के तरीकों पर केंद्रित है।

श्रीमद् देवी भागवत ग्रंथ की पूजन करते हुए
देवी के कार्यों का वर्णन मिलता है पुराण में
श्री शास्त्री ने बताया कि देवी भागवत कथा में भगवती दुर्गा को ही सृष्टि का मूल तत्व माना गया है, जिनसे ब्रह्मा, विष्णु और शिव सहित सारा ब्रह्मांड उत्पन्न हुआ है। कथाएं भक्तों को रिद्धि-सिद्धि प्राप्त करने और मोक्ष की ओर ले जाने में देवी की कृपा का वर्णन करती हैं। यह पुराण देवी के कार्यों का वर्णन करता है, जिसमें वह ब्रह्मा के रूप में सृष्टि करती हैं, विष्णु के रूप में पालन करती हैं और शिव के रूप में संहार करती हैं।

कथा सुनने से पापों का निवारण
श्री शास्त्री ने कहा पुराण के अनुसार, देवी भागवत कथा श्रवण से कलियुग के भयानक पापी भी शुद्ध हो जाते हैं। सांसारिक और आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति होती है। यह कथा भक्तों को सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति दिलाकर उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती है।
कथा श्रवण करने वालों को करना चाहिए ब्रह्मचर्य का पालन
श्री शास्त्री ने कहा कि देवी भागवत कथा सुनने के लिए आश्विन और चैत्र मास के नवरात्र विशेष रूप से फलदायी माने जाते हैं। कथा सुनने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन, सादा भोजन, सत्य भाषण और अहिंसा का व्रत लेना चाहिए। पारायण के अंत में वक्ता और भागवत की पूजा करें। और फिर ब्राह्मणों को भोजन व दक्षिणा देकर पुराण दान करें।

धर्मालुओं से शामिल होने का आह्वान
श्री विष्णु मंदिर के प्रेसिडेंट श्याम भारत सिंह ने बताया कि श्रीमद् देवी भागवत कथा 22 सितंबर से चल रही है। शाम को पहले कीर्तन होते हैं तत्पश्चात 7:30 से 9:00 बजे तक देवी की महिमा का वर्णन किया जा रहा है। समापन के पश्चात भक्तजन बैठकर भोजन प्रसादी ग्रहण कर रहे हैं। समापन 1 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दिन महाप्रसादी का आयोजन होगा। आयोजकों ने भक्तों से महोत्सव में शामिल होने का आह्वान किया है।
Hemant Bhatt