सामाजिक सरोकार : देश में 93 फीसद असंगठित मजदूरों की आवाज को बुलंद कर रहा है भारतीय मजदूर संघ

⚫ भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी सुरेंद्रन ने कहा
⚫ त्रि वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन रतलाम में
⚫ अखिल भारतीय वनवासी ग्रामीण मजदूर महासंघ के 7 वें अधिवेशन का उद्घाटन करेंगे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
⚫ विभिन्न राज्यों के 300 से अधिक प्रतिनिधि होंगे शामिल
⚫ लगभग 3000 असंगठित श्रमिक के शामिल होने की संभावना
हरमुद्दा
रतलाम, 13 अप्रैल। अखिल भारतीय वनवासी ग्रामीण मजदूर महासंघ का अखिल भारतीय अधिवेशन 15 एवं 16 अप्रैल को बुद्धेश्वर मांगलिक सभा भवन बाजना बस स्टैंड रोड पर होगा। लेकिन उद्घाटन सत्र विधायक सभागृह बरवड़ पर 15 अप्रैल को सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में होगा। अखिल भारतीय मजदूर संगठन 21 वर्षों से देश के लगभग 93% असंगठित मजदूरों के मुद्दे को लेकर आवाज बुलंद कर रहा है।
यह बात भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी सुरेंद्रन ने प्रेस क्लब भवन पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। पत्रकार वार्ता के दौरान भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय परामर्शदाता समिति के सदस्य जयंतीलाल जैन, भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री कुलदीप गुर्जर, वनवासी कृषि ग्रामीण मजदूर महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष राघोसिंह भाबर, प्रदेश संगठन मंत्री निरंजन, वनवासी कृषि ग्रामीण मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री जितेंद्र सिंह गुर्जर, जिला अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, जिला महामंत्री दिलीप पाटीदार सहित अन्य मौजूद थे।
विभिन्न राज्यों से आएंगे 300 प्रतिनिधि
जिला अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि त्रि वार्षिक अधिवेशन में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उडीसा से 300 प्रतिनिधि उपस्थित होंगे। जनजाति क्षेत्र में 25 वर्षों से निरंतर सक्रिय कार्य करने वाले संगठन अखिल भारतीय वनवासी ग्रामीण मजदूर महासंघ संघ के बैनर तले हो रहे 7 वें त्रिवार्सिक अधिवेशन के मुख्य वक्ता भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी. सुरेंद्रन होंगे। संत श्री भूरा लाल जी महाराज पवन पंथ के पीठाधीश्वर के आशीर्वचन मिलेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वनवासी ग्रामीण मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष
मधुर भाई मालीवाड़ करेंगे। अधिवेशन में लगभग 3000 श्रमिकों के शामिल होने की संभावना है।
वनवासी क्षेत्र में 21 वर्षों से संघर्षरत
आखिल भारतीय वनवासी ग्रामीण मजदूर महासंघ जनजाति क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं को लेकर निरन्तर संघर्ष कर रहा है। वनांचल में विस्थापन आर्थिक उत्पीड़न तथा बेरोजगारी के विरुद्ध आवाज बुलन्द करने के साथ ही शासकीय कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन तथा मानवाधिकारों की रक्षा के लिए जनजाति कृषक कल्याण समिति एवं श्री राम मानवाधिकार समिति के माध्यम से महासंघ कार्यरत है।
महासंघ के प्रयास
⚫ शोषण मुक्त, न्याय युक्त समरस एवं स्वावलम्बी समाज खड़ा हो।
⚫ मजदूरों द्वारा, मजदूरों के लिए मजदूरों का गैर राजनैतिक संगठन खड़ा हो।
⚫ मजदूरों का पलायन रोकने और स्थानीय रोजगार बढ़ाने के लिए शासन पर दबाव बनाना।
⚫ श्रमिक कौशल विकास योजना के माध्यम से जनजाति श्रमिकों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना।
⚫ रोजगार मूलक शिक्षा के लिए शासन पर दबाव बनाना।
⚫ सकारात्मक सोच के साथ समाज सेवा में रत युवा नेतृत्व विकसित करना।
⚫ सनातन जनजाति सांस्कृतिक परम्पराओं का संरक्षण तथा जनजाति महापुरुषों का गौरव स्थापित करना।
⚫ जनजाति समाज में आत्म गौरव का जागरण करते हुये राष्ट्रीय एकता व अखण्डता को मजबूत करना।
⚫ स्थानीय प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के माध्यम से दूरस्थ वनांचल की समस्याओं का समाधान करना।
अब तक यहां हो चुके अधिवेशन
इन मुद्दो को लेकर महासंघ के राष्ट्रीय अधिवेशनों की श्रृंखला सन् 2004 में कुक्षी (धार) से शुरू हुई। फिर 2007 में बांसवाड़ा, 2010 में रतलाम, 2013 में पेण्ड्रा (छत्तीसगढ़) 2016 में बैतूल, 2021 में भोपाल के बाद 15, 16 अप्रैल 2025 को पुनः रतलाम अधिवेशन हो रहा है।