प्रकृति की अद्भुत खगोलीय घटना : सब कुछ ठीक रहा तो मनुष्य का आज 1 मिनट के लिए साथ छोड़ देगी स्वयं की परछाई भी
⚫ घटना को देखने के लिए सूरज की जरूरी है मौजूदगी
⚫ खास 1 मिनट के दरमियान यदि छा गए बादल तो नहीं देख पाएंगे अद्भुत नजारा
हरमुद्दा
उज्जैन, 21 जून। हमारी परछाई कभी भी हमारा साथ नहीं छोड़ती, लेकिन 21 जून को हर साल कुछ समय के लिए परछाई हमारा साथ छोड़ देती है। ऐसा इस कारण होता है क्योंकि सूर्य (Sun) कर्क रेखा पर लम्बवत स्थिति में रहता है। उज्जैन के ऊपर से कर्क रेखा गुजरती है। इसलिए यहां खास तौर से ये नजारा देखा जाता है। इसके लिए सूरज की मौजूदगी जरूरी है। बादलों के छाने से प्रकृति का ये अदभुत नजारा मंगलवार को देख नहीं पाएंगे।
उज्जैन वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्ता ने हरमुद्दा को बताया कि पृथ्वी सूर्य के चारों और परिक्रमा करती है। 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लंबत रहता है। इसलिए परछाई आप का साथ छोड़ देती है। खगोलीय घटना का यह अद्भुत नजारा मंगलवार को दोपहर 12:28 पर शंकु यंत्र के माध्यम से देखा जा सकेगा। ऐसा सिर्फ मुश्किल से एक मिनट के लिए होता है। इस साल भी उज्जैन की जीवाजी वेध शाला में इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
13 घंटे 34 मिनट का रहेगा आज का दिन
डॉ. गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को सूर्योदय सुबह 5:42 पर होगा वही सूर्यास्त शाम 7:16 पर होगा। इस तरह दिन 13 घंटे 34 मिनट का रहेगा। रात्रि 10 घंटे 26 मिनट की रहेगी।
साल का सबसे बड़ा दिन और उज्जैन में कुछ पल के लिए गायब हो जाती परछाई
उज्जैन में हर साल 21 जून को कुछ देर के लिए ऐसा होता है, जब हर वक़्त साथ रहने वाली परछाई भी साथ छोड़ देती है। उज्जैन की प्राचीन वेधशाला में इस अनोखी खगोलीय घटना को यंत्र के माध्यम से देखने की व्यवस्था की गई और देखने के लिए दूर-दूर से लोग भी आते हैं। दरअसल, 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन होता है। इसी दिन दोपहर में सूरज जब सबसे ऊपर होता है तो परछाई भी साथ छोड़ देती है, उज्जैन में यह साफ दिखाई देता है। दरअसल, 21 जून को सूरज उत्तरी गोलार्द्ध से होता हुआ कर्क रेखा के ऊपर आ जाता है। इस वजह से 21 जून को दिन बड़ा और रात छोटी होती है।