धर्म संस्कृति : बिजली के रंग बिखेरती झांकियां का कारवां निकलेगा जवाहर व्यायामशाला के कलाकारों के साथ

श्री गणेश विसर्जन चल समारोह में अहम भूमिका का निर्वहन करती जवाहर व्यायाम शाला

38 सालों से सिलसिला अनवरत

भारतीय संस्कृति की कला मलखम्भ, कुश्ती और शस्त्र को जीवित रखते हुए है हजारों कलाकार

हरमुद्दा
रतलाम, 17 सितंबर। अनंत चतुर्दशी के अवसर पर जवाहर व्यायाम शाला और अम्बर ग्रुप के सैकड़ो पहलवान शहर की सडको पर अपने दमखम और कला का प्रदर्शन करेंगे, वही हज़ारो बल्बों की रौशनी में झिलमिलाती झांकी देखने वालो का मन मोह लेगी। पिछले कई दिनों से जवाहर व्यायाम शाला के पहलवान अपने प्रदर्शन की तैयारियों में जुटे है वही झांकी बनाने वाले कलाकार भी दिन रात झांकी को सजाने में व्यस्त है।

जवाहर व्यायाम शाला के सचिव राजीव रावत ने बताया कि मलखम्भ युद्ध कुश्ती और शस्त्र कला भारतीय संस्कृति की पहचान रही है। इस संस्कृति को जवाहर व्यायाम शाला के हजारों कलाकार आज भी जीवित रखते हुए है। दिन-रात, सुबह-शाम अखाड़े की मिट्टी से लड़ते हुए अपने दमखम और ताकत से अपने शरीर को बलवान बनाते है और सुन्दरता प्रदान करते है। विगत 38 वर्षो से रतलाम शहर में गणेश उत्सव के समापन यानी अनंत चर्तुदर्शी के दिन हजारों की तादाद में अपने मार्गदर्शक उस्ताद खलीफाओं के साथ युवा तरूणाई जब शहर की सड़कों से निकलती है तो देखने वालों का उत्साह और जोश देखते ही बनता है।

पूर्व रतलाम केसरी ने रखी थी इसकी आधारशिला

कुश्ती जगत के मसीहा कहे जाने वाले हजारों पहलवान के आदेश पूर्व रतलाम केसरी स्व. नारायण पहलवान,’ जिन्होने इस चल समारोह की आधारशिला रखी थी, अपनी धार्मिक आस्थाओं तथा युवाओ के अंदर अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम और श्रद्धा स्थापित करने के उद्धेश्य से आपने जो बीड़ा उठाया था वह आज भी निरन्तर गतिमान बना हुआ है।

3000 पहलवान करेंगे कला का प्रदर्शन सारी रात

अखाड़े के संरक्षक दौलत पहलवान, सुरेश जाट, अखाडे के संचालक वैभव जाट, गौरव जाट के निर्देशन में लगभग 3000 पहलवान लखन बैंड और महादेव ढोल पार्टी के सुमधुर स्वर लहरियों के साथ अपनी कला का प्रदर्शन करेगे। इसके अतिरिक्त मलखंब के छोटे नन्हें-नन्हें खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नगर का गौरव बढाया है। अपनी अद्भुत कला का मलखंब का प्रदर्शन करेगे ।

ऐतिहासिक परंपरा का निर्वहन किया जाएगा 17 सितंबर को

रतलाम नगर की जीवन रेखा सज्जन मिल के बंद होने से लोगो में काफी निराशा व्याप्त थी मजदूर और व्यापारी इस चिंता में रहते थे कि मिल बंद होने से झांकी कैसे निकलेगी। तब स्व. नारायण पहलवान जी ने झांकी और अखाड़े दोनो का नेतृत्व अपने हाथो में लेकर रतलाम नगर की धर्मप्रेमी जनता को अनुपम सौगात प्रदान की। इस वर्ष भी इस धार्मिक और ऐतिहासिक पंरपरा का निर्वाह 17 सितम्बर को भव्यता के साथ किया जायेगा । जवाहर व्यायाम शाला ‘अम्बर ग्रुप’ द्वारा निकलने वाली दुधिया रोशनी से सृज्जित झिलमिलाती भव्य झांकी जिसका निर्माण कांतिलाल माली द्वारा किया गया है ।

खाटू श्याम की सम्पूर्ण लीला से रूबरू होंगे सभी

झांकी में महाभारत वर्णित पाण्डव पुत्र भीम, भीम पुत्र घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक जिन्हें पूरी दुनिया खाटु श्याम के नाम से श्रद्धा नमन करती है को चित्रित किया है। ‘हारों का सहारा’ भगवान खाटू श्याम की सम्पूर्ण लीला दर्शकों तक सहज पहुँचाई गई है। झांकी का निर्माण तीन भाग में किया गया है। प्रथम भाग में भगवान कृष्ण को अपना शीर्ष अर्पण करते हुए महादानी खाटूश्याम भगवान को बताया है। दुसरे दृश्य में महाभारत युद्ध की सार्थकता को दर्शाया है तथा अंतिम दृश्य में भगवान खाटू श्याम का दरबार दिखाया गया है।

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