बूंद अहसासों की एक बूंद तुम्हारे अहसासों की मेरी नज़रों पर ठहर गई एक बूंद तुम्हारी मुस्कानों की मेरे...
हरियाणा
बेनूर चेहरे 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर "कम से कम आप तो बोनी करवा दो बाबूजी। सुबह से घूमते-घूमते दोपहर हो...
ग्रहण 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर कैसे दुकानदार हो? तुम्हारी दुकान खुली पड़ी है और तुम सो रहे हो। कोई कुछ...
🔲 नरेंद्र गौड़ विगत अनेक वर्षों से प्रयागराज निवासी गीता सिंह की कविताएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही है।...
इसे क्या हुआ? 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर इसे कुछ खिलाती क्यों नहीं? कितना दुबला हो गया है। सब्ज़ी खरीद रही...
गुब्बारे 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर बारिश शुरू हुई और वह खुद को बचाते हुए दुकान के शेड में आ खड़ा...
बैलेंस शीट 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर वह अर्थशास्त्र की विद्यार्थी रही। उसे सबसे अधिक रुचि बैलेंस शीट बनाने, कैश बुक...
घर से काम 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर देश के बहुत व्यस्त और बड़े शहर में उसकी नौकरी है। पिछले वर्ष...
भला कचरा 🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲🔲 🔲 आशीष दशोत्तर सुबह के पौने छह बजे होंगे। प्रातःकालीन भ्रमण जारी था। कुत्ते जोर-जोर से चिल्ला...