ग्राम पंचायत की लापरवाही : मंदिर मठ भूमि में पंचायत ने पट्टे दिए, आदिवासियों ने बची हुई जमीन पर पत्थर बांस बलिया लगाकर किया अतिक्रमण
🔲 विधायक ने किया क्षेत्र का दौरा
पुरुषोत्तम पांचाल
रावटी, 14 अगस्त। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के 5 वर्षों बाद से ही यहां आदिवासी सरपंच चला आ रहा है। कान्हा मकवाना व उनकी पत्नी गीता मकवाना अभी तक सरपंच है। वर्तमान पंचायती राज व्यवस्था में 20 वार्ड में सभी समाज के लोग पंच गण रहे हैं। लेकिन ग्राम पंचायत की लापरवाही से पंचायत क्षेत्र की करोड़ों रुपए की संपत्ति को भूखंड देकर इतिश्री कर रही हैं।
इसमें लगभग 200 साल पुराने मनकामेश्वर मंदिर की 52 बीघा जमीन में सर्वे क्रमांक 843 रकबा जीरो पॉइंट 0 460 में से ग्राम पंचायत रावटी ने लगभग 13 लोगों को 10 गुना 50 के भू खड़ो का आवंटन कर दिया। इन लोगों ने अपने निर्माण भी चालू कर दिए हैं लेकिन ग्राम पंचायत के कुड़ी का टापरा कुंवरपाड़ा के लगभग 250 बीपीएल परिवारों ने बची हुई जमीन पर मंदिर के आसपास की भूमि में पत्थर लकड़ी के डंडे लगाकर कब्जा कर लिया है।
एडीएम के आदेश का नहीं हुआ पालन
ज्ञात रहे कि शासकीय मंदिरों की भूमि पर कलेक्टर रतलाम के अधिकार रहते हैं और तहसील स्तर पर तहसीलदार इसका सचिव रहता है। इसकी शिकायत धर्म प्रेमी जनता ने रतलाम कलेक्टर को करने के बाद एडीएम जमुना भिड़े ने रावटी आ कर तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने तथा तार फेंसिंग का आदेश दिए थे, जो कि अभी तक नहीं हुए हैं।
मंदिर की जमीन रहेगी यथावत : विधायक
क्षेत्रीय विधायक हर्ष विजय गहलोत ने भी शिकायत पर रावटी दौरा कर आदिवासियों के पक्ष में चर्चा कर कहा कि इस लापरवाही से धरना आंदोलन भी करना पड़े तो करेंगे लेकिन मंदिर की जमीन यथावत ही रहेगी।
तो कोई आपत्ति नहीं
इधर ग्राम पंचायत के उप सरपंच ओम प्रकाश बोरिया ने बताया कि हमने 2003 में दिए गए पट्टों को आधार मानकर सर्वे क्रमांक 845 में भूखंड दिए हैं। उक्त भूमि तहसीलदार के आवेदन के बाद ही सीमांकन किया है। प्रशासन चाहे तो मंदिर की भूमि में आदिवासियों को भूखंड दे तो ग्राम पंचायत रावटी को कोई आपत्ति नहीं है।