वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे संगीत के इतिहास की भारत रत्न स्वर कोकिला हुई शांत, नाम गुम जाएगा, चेहरा यह बदल जाएगा -

संगीत के इतिहास की भारत रत्न स्वर कोकिला हुई शांत, नाम गुम जाएगा, चेहरा यह बदल जाएगा

1 min read

 देश दुनिया में शोक की लहर

हरमुद्दा

संगीत इतिहास की स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर रविवार को शांत हो गई। महान गायिका लता मंगेशकर का निधन हो गया है। बीते दिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद उन्हें दोबारा वेंटिलेटर पर रखा गया था और वह लगातार चिकित्सकों की निगरानी में थीं। लता (92) को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद आठ जनवरी को ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था, जहां डॉ प्रतीत समदानी और चिकित्सकों की टीम की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। जैसे ही उनका स्वास्थ्य बिगड़ने की खबरें आईं वैसे ही प्रशंसक ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचने लगे थे। उनसे मिलने शनिवार को बहन और गायिका आशा भोसले स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए अस्पताल पहुंची थीं। अस्पताल परिसर के बाहर अवरोधक लगाए गए हैं और सुरक्षा कड़ी कर दी गई और वहां मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लगा हुआ है।

समदानी ने इससे पहले 29 जनवरी को कहा था कि गायिका की तबीयत में मामूली सुधार हुआ है और उन्हें वेंटिलेटर से हटाकर आईसीयू में निगरानी में रखा गया है. नवंबर 2019 में भी सांस लेने में कठिनाई के चलते लता मंगेशकर को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उस दौरान उनके निमोनिया से ग्रस्त होने का पता चला था और 28 दिन के उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

13 साल की उम्र में शुरुआत

भारतीय सिनेमा की बेहतरीन गायिकाओं में शुमार लता ने 13 साल की उम्र में 1942 में अपने करियर की शुरूआत की थी। उन्होंने विभिन्न भारतीय भाषाओं में अब तक 25 हजार से अधिक गाने गाए है।  सात दशक के अपने करियर में उन्होंने कई ऐसे गाने गाए हैं, जो आज भी लोगों के जेहन में हैं. इनमें ‘‘अजीब दास्तां है ये’ ‘प्यार किया तो डरना क्या’ और ‘नीला आसमां सो गया’ शामिल है।

कई पुरस्कार से नवाजा

लता को भारत की ‘सुर साम्राज्ञी’ के नाम से जाना जाता है और उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा लता को पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। यह उनका नहीं बल्कि पुरस्कारों का सम्मान था कि वे ऐसी शख्सियत के पास पहुंचे थे।

एक नजर

लता मंगेशकर (जन्म 28 सितंबर1929 इंदौर) भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं, जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है।

लता मंगेशकर भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं, जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है। 

जन्म की तारीख और समय : 28 सितंबर 1929 (आयु 92 वर्ष), इन्दौर

अन्य नाम : स्वर-साम्राज्ञी”; “राष्ट्र की आवाज“; “सहराब्दी की आवाज“; “भारतकोकिला“।

माता-पितादीनानाथ मंगेशकरशीवंती मंगेशकर

बहन भाईआशा भोसलेमीना मंगेशकरहृदयनाथ मंगेशकरउषा मंगेशकर

पुरस्कारभारत रत्‍नफ़िल्मफ़ेयर जीवनकाल सफलता पुरस्कारपद्म विभूषणपद्म भूषण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *