धर्म संस्कृति : मनुष्य ही विवेकशील प्राणी है मगर बुद्धि को स्वच्छ बनाने की जरूरत
⚫ दिव्य दर्शन भवन के नवनिर्मित अनुभूति सभागृह में तपस्वी राजयोगी सूर्य भाई ने कहा
⚫ दो दिवसीय योग तपस्या साधना शिविर का हुआ आयोजन
⚫ शिव ध्वजारोहण के साथ शुरू हुई योग तपस्या साधना
⚫ 500 से अधिक साधकों ने लिया योग साधना शिविर में भाग
हरमुद्दा
रतलाम, 29 जुलाई। हम परमात्मा पिता की श्रेष्ठ संतान है। महान है। मनुष्य ही एक विवेकशील प्राणी है लेकिन आज हमारी बुद्धि को स्वच्छ बनाने की आवश्यकता है, मैं विजयी रत्न हूं। क्रोध मुक्त हूं, सफलता मूर्त हूं, ऐसे स्वमानो के अभ्यास से हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
यह बात माउंट आबू से आए राजयोगी तपस्वी सूर्य भाई ने कही। सूर्य भाई के मार्गदर्शन में डोंगरे नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन के नवनिर्मित अनुभूति सभागार में दो दिवसीय योग तपस्या साधना शिविर में साधकों को संबोधित कर रहे थे। तपस्वी सूर्य भाई ने सभी को अनेक स्वमान का अभ्यास कराया।
500 से अधिक साधक शामिल हुए शिविर में
मुख्य सेवा केंद्र संचालिका सविता दीदी ने हरमुद्दा को बताया कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय डोंगरे नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र पर दो दिवसीय योग तपस्या साधना शिविर का आयोजन किया गया शिविर में 500 से अधिक साधकों ने शामिल होकर दिव्य अनुभूति प्राप्त की।
दीप प्रज्वलन और शिव ध्वजारोहण से हुई शिविर की शुरुआत
दो दिवसीय शिविर का शुभारंभ माउंट आबू के परम तपस्वी राजयोगी सूर्य भाई, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी गीता दीदी, ब्रह्माकुमार रोहित भाई, इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी, भिलाई क्षेत्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी, ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी , सविता दीदी द्वारा दीप प्रज्जवलन और शिव ध्वजारोहण कर किया गया।
दुआएं देना और लेना हमारे जीवन की अमूल्य पूंजी
ब्रह्माकुमारी गीता दीदी ने बताया कि दुआएं देना और दुआएं लेना हैं। यही हमारे जीवन की ऐसी अमूल्य जमा पूंजी है जो हमें जरूरत के समय काम आती है। दुआएं हम तभी दे सकते, जब हमारे अंदर शुभ भावना देने के संस्कार हो। गुणों को देखने की आदत हो। अच्छे और श्रेष्ठ कर्म करने से ही दुआएं प्राप्त होगी।
चार धाम की यात्रा का अभ्यास कराया ब्रह्माकुमार रोहित भाई ने
ब्रह्माकुमार रोहित भाई जी द्वारा सभी को आत्मिक स्थिति का अभ्यास, चार धाम की यात्रा का अभ्यास कराया गया। सभी को क्रोध मुक्त होने के बहुत सुंदर अभ्यास कराया गया।
राजयोगिनी मन मोहिनी दीदी का मनाया पुण्य स्मृति दिवस
योग तपस्या के अंतिम दिन ब्रह्माकुमारी संस्थान की राजयोगिनी मनमोहनी दीदी की पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया। राजयोगी सूर्य भाई ने कहा कि जीवन में आने वाली छोटी बड़ी सभी समस्या का समाधान हमारे विचारों के द्वारा ही होता है। शुभ संकल्पों में इतनी ज्यादा शक्ति होती है जो बड़े से बड़े बीमारी को भी ठीक कर सकते हैं।
जिस घर में लगता है भगवान को भोग, वहां नहीं होती है कमी
ब्रह्माकुमारी दीदी ने कहा कि जिस घर में भगवान को भोग लगाया जाता है, उस घर में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है और यही हमारे जीवन के मुश्किल घड़ी में काम आती है ।