साहित्य सरोकार : साहित्यिक आयोजन हेतु संस्थाओं को भवन उपलब्ध करवाने का आग्रह
⚫ केबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप को ज्ञापन सौंपा
हरमुद्दा
रतलाम, 29 नवंबर। शहर में साहित्यिक , सांस्कृतिक आयोजनों के लिए कोई भी उचित स्थान उपलब्ध नहीं है । ऐसे में साहित्यिक संस्थाओं को अपने नियमित आयोजन करने में बहुत परेशानी होती है । यदि उपलब्ध एवं रिक्त शासकीय भवनों को साहित्यिक आयोजनों के लिए निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाता है तो इससे शहर की साहित्यिक गतिविधियों को संबल में मिलेगा और यहां की बौद्धिक संपदा समृद्ध हो सकेगी।
इस आशय का मांगपत्र विगत दिनों शहर की समस्त साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं की ओर से राजा भोज जनकल्याण सेवा समिति द्वारा शहर विधायक एवं कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप को दिया गया। ज्ञापन में आग्रह किया गया कि शासकीय भवनों यथा- पुराने कलेक्ट्रेट के रिक्त कक्ष, नगर निगम के रिक्त भवन आदि स्थानों में से कहीं भी साहित्यिक आयोजनों के लिए स्थान उपलब्ध करवाया जाना नितांत आवश्यक है। मंत्री श्री काश्यप ने शहर की इस महत्वपूर्ण आवश्यकता पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
एसडीएम से भी की गई है मांग
उक्त ज्ञापन सौंपते हुए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह पॅंवार ने कहा कि विगत दिवस राजपूत बोर्डिंग में आयोजित कला, साहित्य, सांस्कृतिक समागम आयोजन में शहर के विभिन्न साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के पदाधिकारियों और सदस्यों ने अपनी प्रभावशाली उपस्थित दर्ज करवाई थी।
आयोजन में शहर में साहित्यिक गतिविधियों के आयोजन के लिए शासन से भवन उपलब्ध करवाने की मा़ंग उपस्थित संस्था पदाधिकारियों द्वारा आयोजन में मौजूद एसडीएम अनिल भाना के सम्मुख भी रखी गई थी।
इन्होंने किए ज्ञापन पर हस्ताक्षर
ज्ञापन पर शहर की जिन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने हस्ताक्षर किए उनमें
हम लोग, सुनें-सुनाएं, वनमाली सृजन केंद्र, डॉ. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ शोध संस्थान, स्वर श्रृंगार, अनुनाद, महक साहित्य संस्था, सुषमा साहित्य संस्थान, यज्ञ मां कला निकाय, श्री त्रिवेदी मूर्ति कला केन्द्र, व्योम फिल्म निर्माण, डॉ. जयकिरण जोशी स्मृति संस्थान, कवच फिल्म निर्माण, युगबोध , जन नाट्य मंच, जनवादी लेखक संघ, अनुभूति, समग्र मालवा, पाठक मंच एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद, राठौर फिल्म निर्माण समिति सहित अन्य संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल थे।