एक और झटका : पहले लोकसभा से बाहर, अब राहुल को बंगला खाली करने का झटका

⚫ 1 महीने में खाली करना होगा सरकारी बंगला

हरमुद्दा
दिल्ली, 27 मार्च। मानहानि के मामले में दो साल की सजा के बाद लोकसभा की सदस्यता गंवाने वाले राहुल को अब सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भेजा जा चुका है। ऐसे में राहुल गांधी को अब 22 अप्रैल तक बंगला खाली करना होगा।

नियमों के मुताबिक उन्हें अयोग्यता आदेश की तारीख से एक महीने के भीतर अपना सरकारी बंगला खाली करना होगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को जुलाई 2020 में अपना आधिकारिक लोधी एस्टेट बंगला खाली करना पड़ा था क्योंकि उनका सुरक्षा कवर कम होने के बाद वह अब इसके लिए पात्र नहीं थीं। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वह राजनीतिक और कानूनी रूप से राहुल गांधी की सजा और अयोग्यता के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी।

राहुल गांधी को मिला है टाइप 7 बंगला

टाइप 6 से टाइप 8 तक के सरकारी बंगले सांसदों, केंद्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों को अलॉट किए जाते हैं। राहुल गांधी का बंगाल टाइप 7 है। टाइप 7 बंगले विशेष तौर पर राज्य मंत्रियों, दिल्ली हाईकोर्ट के जज, कम से कम पांच बार सांसद रहे व्यक्तियों को अलॉट होता है। पहली बार अगर कोई जीतकर सांसद बनता है तो उसे सरकार की तरफ से पहले 5 टाइप का बंगला दिया जाता था लेकिन अब नए शर्तों के अनुसार उसे टाइप 6 का बंगला दिया जाता है।

बेदखली का नियम क्या है?

सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत लोगों की बेदखली) संशोधन अधिनियम, 2019, 16 सितंबर से प्रभावी हो गया था। इस संशोधन के बाद सरकारी आवासों पर अवैध रूप से कब्‍जा जमाये बैठे लोगों को आसानी और तेजी से बेदखल करना संभव हो गया था। संशोधित अधिनियम के अनुसार संपदा अधिकारी सरकारी आवास से अनधिकृत लोगों की बेदखली से पहले 3 दिन का कारण बताओ नो‍टिस जारी कर सकता है। इससे पहले यह अवधि 60 दिन की थी। इससे अधिनियम के सेक्शन 4 और 5 के तहत विस्‍तृत प्रक्रियाओं की आवश्‍यकता को पूरा किए बगैर ही सरकारी आवासों से अनधिकृत लोगों की बेदखली सुनिश्चित हो गई।

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