विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष : "किताबों को पढ़ें दिल में बसाएं"
वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य किताबों और पढ़ाई के महत्व को बढ़ावा देना है। यह दिन दुनिया भर में साहित्य, लेखक और पाठकों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को “अंतरराष्ट्रीय पुस्तक दिवस” भी कहा जाता है।

⚫ प्रोफेसर अज़हर हाशमी
किताबें इल्म का घर और डेरा
किताबें ज्ञान का पावन बसेरा
किताबें लालिमा पूरब दिशा की
किताबें रोशनीवाला सबेरा
किताबों से जुड़े रिश्ता निभाएं
किताबों को पढ़ें दिल में बसाएँ
किताबों में किसानों की कहानी
किताबों में पसीने की रवानी
किताबों में शहीदों की कथाएं
किताबों में कलम की बागबानी
कलम को मान दें अपना बनाएँ
किताबों को पढ़ें दिल में बसाएं
किताबों में परिन्दों की चहक है
किताबों में दरख्तों की लहक है
किताबें टहनियाँ इन्सानियत की
किताबों में मुहब्बत की महक है
किताबें हैं अहम सबको बताएं
किताबों को पढ़ें दिल में बसाएं
⚫ प्रोफेसर अज़हर हाशमी
(प्रोफेसर अज़हर हाशमी के पुस्तक "कभी काजू घना, कभी मुट्ठी चना" से साभार)