देशभर में बना मुद्दा : विवादित बयान देने के बाद मध्य प्रदेश के मंत्री पहुंचे सुप्रीम कोर्ट एफआईआर रद्द कराने तो मिली फटकार

देशभर में बना मुद्दा : विवादित बयान देने के बाद मध्य प्रदेश के मंत्री पहुंचे सुप्रीम कोर्ट एफआईआर रद्द कराने तो मिली फटकार

मंत्री विजय शाह में कर्नल सोफिया पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी

⚫ हाई कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार देर रात को हुई मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज

⚫ हाई कोर्ट के आदेश का विधिवत पालन नहीं किया सरकार ने

⚫ शपथ पत्र संतोषजनक न होने से राज्य सरकार को लगाई  फटकार 

हरमुद्दा
जबलपुर, 15 मई। मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर उनके खिलाफ महू के मानपुर थाने में बुधवार देर रात एफआईआर दर्ज की गई थी। मंत्री द्वारा एफआईआर रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई, जिस पर उन्हें वहां से भी फटकार मिली। कोर्ट ने कहा कि मंत्री होकर यह उनकी कैसी भाषा है, हाईकोर्ट के आदेश पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया।

शपथ पत्र संतोषजनक न होने से राज्य सरकार को लगाई  फटकार 

उल्लेखनीय है कि स्वत: संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। उधर इस मामले में सुनवाई करते हुए एमपी हाईकोर्ट ने आदेश का विधिवत पालन न करने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने अक्षरशः पालन पर जोर दिया और शपथ पत्र संतोषजनक न होने से राज्य सरकार को फटकार लगाई।

इन धाराओं में दर्ज हुआ केस, उम्र कैद या 7 साल तक की सजा का प्रविधान

बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 152 : अलगाव, सशस्त्र विद्रोह और विध्वंसक गतिविधियों को भड़काने वाले कृत्यों को अपराध मानती है। यह देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्यों को भी अपराध मानती है। इसमें उम्रकैद या सात साल तक के कारावास के दंड का प्रविधान है।

बीएनएस 196(1)(ख) : धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बनाए रखने के लिए हानिकारक कार्य करने से संबंधित है। इसमें पांच वर्ष के कारावास का प्रविधान है।

बीएनएस 197(1)(ग) : राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले कार्यों से संबंधित है। इसमें किसी भी समूह की भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा को संदेह में लाने वाले आरोप, दावे या कथन शामिल हैं। इसमें तीन वर्ष के कारावास का प्रविधान है।