विश्व परिवार दिवस पर विशेष : "माता-पिता दुआ के दरख़्त हैं"

"माता-पिता दुआ के दरख़्त हैं" का अर्थ है कि माता-पिता अपने बच्चों के लिए दुआएं करते हैं, जैसे कि पेड़ फल देते हैं। वे अपने बच्चों के लिए हमेशा अच्छी बातें चाहते हैं और उनकी सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं। यह एक लोकप्रिय कहावत है जो बच्चों के माता-पिता के प्रति सम्मान और प्रेम व्यक्त करते हैं। यह माता-पिता के बच्चों के लिए आशीर्वाद का प्रतीक हैं।

विश्व परिवार दिवस पर विशेष :  "माता-पिता दुआ के दरख़्त हैं"

प्रोफ़ेसर अज़हर हाशमी

मां का नरम मिजाज, पिता थोड़े सख़्त हैं 
बच्चों के लिए दोनों दुआ के दरख़्त हैं 

बचपन के नजारे को देख कर ये जानिए 
बच्चों के लिए माता-पिता पांव-हस्त है 

सिर पर कभी पिता के, कभी मां की गोद में 
बच्चों के लिए माता-पिता ताज-तख़्त हैं 

संतान को खुश देखे हैं तो ये समझलो 
माता-पिता सुकून से हैं और मस्त हैं 

जिस घर में है संतान से मां-बाप दुखी तो 
संतान के 'नक्षत्र' समझ लेना 'अस्त' है

⚫ प्रोफ़ेसर अज़हर हाशमी की पुस्तक "मामला पानी का" से आभार।