सामाजिक सरोकार : लावारिस की बीमारी के बाद मौत, इंतजार के बाद किया अंतिम संस्कार

सामाजिक सरोकार : लावारिस की बीमारी के बाद मौत, इंतजार के बाद किया अंतिम संस्कार

मृतक की उम्र तकरीबन 45 से 50 वर्ष

⚫ छतरी पुल पर बीमार के पड़े रहने की सूचना दी समाजसेवी गोविंद काकानी को

⚫ तत्काल भर्ती किया गया जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में

⚫ उपचार शुरू किया मगर तीसरे दिन हो गई मौत

⚫ परिजनों के बारे में कुछ नहीं बता पाया वह

⚫ पुलिस की मौजूदगी में हुआ आर्थिक सहयोग से अंतिम संस्कार

हरमुद्दा
रतलाम, 13 मई। बीमारी के चलते लावारिस को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया। उपचार शुरू हुआ मगर बचा नहीं पाए। परिजनों के बारे में जानकारी भी नहीं मिल पाई। कुछ दिन इंतजार करने के पश्चात भक्तन की बावड़ी पर पुलिस की मौजूदगी में आर्थिक सहयोग से अंतिम संस्कार किया गया। अब परिजन आते हैं तो उन्हें अस्थियां दे दी जाएगी अन्यथा हरिद्वार में विसर्जन होगा। 

यह जानकारी देते हुए जिला रोगी कल्याण समिति सदस्य गोविंद काकानी ने बताया कि गंभीर बीमारी की हालत में छतरीपुल पर पड़े व्यक्ति की जानकारी मोबाइल पर समाजसेवियों भेरू और सोहन द्वारा मुझे दी गई। वे तत्काल जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करने के लिए लेकर आए। 

आइसोलेशन वार्ड में शुरू हुआ उपचार

 6 मई रात्रि 10 बजे लगभग 45 से 50 वर्षीय युवक को गंभीर बीमारी की हालत में जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया। हालत बहुत खराब थी। तत्काल डॉक्टर ने आइसोलेशन वार्ड में दवाइयां शुरू कर दी। 

की गई परिजनों की तलाश

बहुत कोशिश की परंतु वह कुछ बता नहीं पाया। 8 मई को सुबह लगभग 10 बजे अंतिम सांस ली। विगत तीन-चार दिन दो बत्ती थाने के द्वारा मृतक के परिवारजन के ढूंढने की कोशिश गई, परंतु कोई जानकारी नहीं मिली। 

आर्थिक सहयोग से अंतिम संस्कार

काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की श्रीमती अंजू दीपक लाठी के आर्थिक सहयोग से भक्तन की बावड़ी पर विधि विधान से अंतिम संस्कार हेड कांस्टेबल तालिब हुसैन, राहुल रणदीवे, दीपक गर्ग की उपस्थिति में किया गया। समन्वय परिवार, प्रभु प्रेमी संघ ,जिला रोगी कल्याण समिति ,अस्पताल व पुलिस प्रशासन की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की गई।  

मंत्रोच्चार के साथ किया अस्थियों का संचय

मंगलवार को विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ प्रातः अस्थियों का संचय किया गया। उन्हें संभाल कर रखा जाएगा, यदि परिजन मिल जाते हैं तो उन्हें अस्थि सौप देंगे, न मिलने पर हरिद्वार में  पूज्य गुरुदेव के आशीर्वाद के साथ पवित्र गंगा नदी में विसर्जन किया जाएगा।