ओजस्वी व्यक्तित्व के करिश्माई प्रधान: नरेंद्र मोदी 

ओजस्वी व्यक्तित्व के करिश्माई प्रधान: नरेंद्र मोदी 

डॉ. प्रदीपसिंह राव, वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक

आज नरेंद्र दामोदर मोदी जी का 75 वां जन्मदिन है।17सितंबर 1950 में जन्मे मोदी जी ने 1958 में मात्र 8 वर्ष की बाल आयु में आर एस एस में प्रवेश ले लिया था। बचपन बेहद गरीबी में गुजरा, पिता की चाय की दुकान पर बचपन से ही काम किया।बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का काम किया। फिर 17 वर्ष की उम्र में 167/18 में अनचाही शादी के बाद घर छोड़ दिया। देश की राजनीतिक सेवा को समर्पित हो गए।

राष्ट्रीय स्वयं सेवा में एक प्रतिबद्ध सेवक बन कर काम करते रहे। देश के शीर्ष आर एस एस और बीजेपी नेताओं के साथ काम करते रहे।आपात काल में  यातनाएं सहने और फिर  आडवाणी जी की रथ यात्रा के बाद तो उन्होंने पीछे मूड कर ही न देखा। लगातार भाजपा में उनकी महत्ता बढ़ती गई।फिर तीन बार गुजरात के  मुख्य मंत्री रह कर उन्होंने साबित कर दिया कि वे प्रधान मंत्री का चेहरा हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में उनका करिश्माई नेतृत्व पूरे देश पर जादू कर गया।

पिछले तीन लोकसभा चुनाव से मोदी जी निरंतर जीत कर बीजेपी को देश की व्यापक और लोकप्रिय पार्टी बना रहे हैं। जो विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का रूप ले चुकी है।अपने कार्यकाल में उनका कश्मीर से कन्या कुमारी तक  सशक्त प्रभाव है। विदेश नीति के नवाचार ने उन्हें विश्व नेता बना दिया। सर्जिकल स्ट्राइक और पहलगांव हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर ने उनकी साख सातवें आसमान पर पहुंचा दी है। रूस से मित्रता और चीन से  घनिष्ठता ने  अमरीकी  राष्ट्रपति ट्रंप की धमकी भरी " टैरिफ" विदेश रणनीति  की हवा  निकाल दी।

उनके अटूट स्वाभिमान के चलते आज पूरे विश्व में भारत की प्रशंसा हो रही है।आर्थिक नीति में भारत विश्व का चौथे नंबर देश बन चुका है। जी डी पी 8%पर पहुंचना विश्व की तेजी से बढ़ती आर्थिक व्यवस्था का परिचय दे रही है। भारत का चंद्र अभियान, कृषि सुधार, निवेश, उद्योग और देशी उत्पादन में क्रांति आ चुकी है।विपक्ष से किस चपलता से निपटना चाहिए,इसमें उनका कोई सानी नहीं है। वे बेदाग प्रधानमंत्री हैं जो देश को 2047 तक महाशक्ति बनते देखना चाहते हैं। वे सर्वमान्य लोकप्रिय नेता है,और रहेंगे।