सामाजिक सरोकार : अतीत, वर्तमान और भविष्य को जानने का अवसर प्रदान करती है पुस्तकें

सामाजिक सरोकार : अतीत, वर्तमान और भविष्य को जानने का अवसर प्रदान करती है पुस्तकें

जवाहर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य मंजुलता जादौन ने कहा

⚫ "विश्व रंग पुस्तक यात्रा" का रतलाम आगमन

हरमुद्दा
रतलाम, 12 अक्टूबर। पुस्तकें, ज्ञान और जानकारी का ऐसा  स्रोत है जो हमारी संस्कृति को समझने, कल्पना का विस्तार करने एवं अतीत, वर्तमान और भविष्य को जानने का अवसर प्रदान करती है। 

यह विचार जवाहर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य मंजुलता जादौन ने व्यक्त किए। प्राचार्य जादौन विश्व रंग पुस्तक यात्रा के रतलाम आगमन पर विद्यार्थियों को संबोधित कर रही। 

पुस्तके हमारी सबसे अच्छी मित्र

आईसेक्ट अधिकारी अभिजीत चौबे ने कहा कि पुस्तके हमारी सबसे अच्छी मित्र होती है, जो हमारी सृजनात्मकता एवं रचनात्मकता को बढ़ावा देती है।

माध्यम बनती है पुस्तकें

राजेंद्र राठौड़ ने कहा की पुस्तक हमारी सामाजिक चेतना एवं सांस्कृतिक विरासत के ज्ञान व संस्कृति को दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम बनती है।

नैतिक मूल्यों का विकास करती पुस्तकें

शिक्षिका विनीता ओझा ने कहा कि पुस्तके हमारे नैतिक मूल्यों का विकास, व्यक्तिगत विकास एवं जीवन कौशल को विकसित करने में सहायक होती है।

पुस्तक एवं शैक्षणिक सामग्री निशुल्क वितरण

आइसेक्ट के विकास त्यागी, स्वप्निल शर्मा, माधव सिंह मौर्य ने भी अपनी बात रखी एवं विद्यार्थियों को पुस्तक एवं शैक्षणिक सामग्री निशुल्क वितरण किया। कार्यक्रम में कविता डिक्रूज, राधा मालवीय, कीर्ति चावला, खुशबू गुप्ता, दातार सिंह शक्तावत, रितेश कुमार निगम, बादर सिंगार्, विश्वास पांडे ने भी पुस्तकों का महत्व बताया।