कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस : प्रशासनिक सुधार, सुशासन, जनसेवा की गुणवत्ता और विकास योजनाओं पर मंथन

कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस : प्रशासनिक सुधार, सुशासन, जनसेवा की गुणवत्ता और विकास योजनाओं पर मंथन

राज्य और केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं पर चर्चा

⚫ पांच सर्वश्रेष्ठ और पांच कमजोर जिलों के कार्यों की होगी समीक्षा

⚫ कॉन्फ्रेंस का समापन होगा 8 अक्टूबर को

हरमुद्दा
भोपाल, 7 अक्टूबर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में भोपाल में दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस मंगलवार से शुरू हुई। कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, भोपाल में दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में शासन की प्राथमिक योजनाओं, जिलों के प्रदर्शन और विकास कार्यों की समीक्षा की जाएगी। राज्य सरकार के विजन के अनुरूप केंद्र और राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं पर चर्चा होगी।  पांच सर्वश्रेष्ठ और पांच कमजोर जिलों की समीक्षा भी की जाएगी। प्रशासनिक सुधार, सुशासन, जनसेवा की गुणवत्ता और विकास योजनाओं पर मंथन होगा। 

प्रदेश में जवाबदेह, पारदर्शी परिणामोन्मुख शासन व्यवस्था

मंगलवार को कांफ्रेंस के शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में जवाबदेह, पारदर्शी और परिणामोन्मुख शासन व्यवस्था स्थापित की गई है, ताकि जनता को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिल सकें।अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर पर बैठे नागरिक तक पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे फील्ड विजिट बढ़ाएं, जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को प्रत्यक्ष रूप से समझें और समाधान करें। जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें इसे हर हाल में बनाए रखना है।

गुड गवर्नेंस से हमें ग्रेट रिजल्ट की ओर होना है अग्रसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन के माध्यम से प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास का लक्ष्य हमारी प्राथमिकता है। इस दिशा में प्रशासनिक दक्षता, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जनता से सीधा संवाद सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। हम गुड गवर्नेंस से ग्रेट रिजल्ट की ओर अग्रसर हों। लोकतंत्र एवं जन कल्याण में हम सबकी महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट भूमिका है। फील्ड में तैनात अधिकारियों की बड़ी जिम्मेदारी है कि जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिले। गुड गवर्नेंस से हम ग्रेट रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं और हम सभी को इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

काम और नवाचार से पहचान स्थापित करें अपनी

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में इसी बात पर मंथन किया जाएगा कि शासन व्यवस्था को और अधिक सहज, सरल, बेहतर, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत कैसे बनाया जाए, ताकि योजनाओं का लाभ और अधिक शीघ्रता से जनता तक पहुंच सके। जिलों में तैनात अधिकारी अपने काम और नवाचार से अपनी पहचान कायम करें। किसी भी ज्वलंत विषय पर पूरी दक्षता और तथ्यों के साथ अपनी बात रखें। स्थानीय जनता, मीडिया, जनप्रतिनिधियों और शासन, प्रशासन से निरंतर आत्मीय संवाद बनाए रखें।

विनम्र विद्यार्थी की तरह करें दायित्व का निर्वहन

 मुख्यमंत्री ने कहा कि परमात्मा ने यदि हमें समाज के लिए काम करने का दायित्व दिया है तो हमें एक विनम्र विद्यार्थी की तरह इस दायित्व का निर्वहन करना ही चाहिए। हर दिन, हर तरीके से नई चीजें सीखें और अपनी दक्षता और अनुभव से उनका बेहतर क्रियान्वयन करें, लक्ष्य यह रखें कि नवाचार का समाज को अधिकतम लाभ मिले। 

यह थे मौजूद

इस अवसर पर मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय कुमार शुक्ला, सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, संभागायुक्त, कलेक्टर्स, सीईओ जिला पंचायत सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी और सभी जिलों के अधिकारी उपस्थित रहे।