... और पीछे से आ गई मौत : मां लाड़ली के निकाह के कार्ड बांट रही थी और खबर आई उसकी मौत की
परिवहन विभाग, यातायात विभाग, स्कूल संचालक मंडल सभी ने लापरवाही दिखाई। समय-समय पर सर्विसिंग नहीं करने के कारण या फिर रुपए बचाने के चक्कर में सर्विसिंग नहीं करवाई और ब्रेक फेल हो गए। नतीजतन आयशा अकाल मौत में समा गई।

⚫ परिवहन विभाग की लापरवाही से हो गई महिला डॉक्टर की मौत
⚫ नवंबर 24 में स्कूल बस का फिटनेस खत्म
⚫ सिग्नल पर ग्रीन सिग्नल का इंतजार करने वालों को चपेट में ले गई ब्रेक फेल होने के बाद स्कूल बस
⚫ आधा दर्जन से अधिक वाहनों को मारी टक्कर, 6 घायल, 2 गंभीर
हरमुद्दा
भोपाल 12 मई। अभिभावक बिटिया की शादी के कार्ड वितरण में लगे हुए थे, तभी उन्हें सूचना मिली की दुर्घटना में उनकी लाडो की मौत हो गई। यह सुनते ही परिवार के होश फाख्ता हो गए। जिस बेटी को अगले माह डोली में बिठाना था, वह जनाजे के लिए तैयार हो गई।
दुर्घटना में मृत डॉक्टर आयशा खान
यह सब हुआ परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते। जिस स्कूल बस का फिटनेस नवंबर 2024 में खत्म हो चुका था, वह सड़क पर मौत बनकर दौड़ रही थी। स्कूल बस आईपीएस स्कूल के नाम पर रजिस्टर्ड है। सोमवार को सुबह 11 बाणगंगा चौराहे पर ग्रीन सिग्नल का इंतजार करने वालों को ब्रेक फेल होकर दौड़ रही स्कूल बस चपेट में लेकर आगे बढ़ गई। आधा दर्जन से अधिक वाहनों को टक्कर मारते हुए आगे बढ़ी स्कूल बस के नीचे इंटर्नशिप कर रही लेडी डॉक्टर की मौत हो गई।
14 जून को निकाह होने वाला था आयशा का
दुर्घटना का शिकार हुई आयशा खान बीएएमएस की छात्रा थी वह अस्पताल में इंटर्नशिप कर घर जाने के लिए निकली थी। 14 जून को उसका निकाह होने वाला था। पिता जाहिद खान जबलपुर इंडियन बैंक में मैनेजर है। मुल्ला कॉलोनी निवासी आयशा का 14 वर्षीय छोटा भाई है। मां निकाह के कार्ड वितरण में लगी हुई थी। तभी उन्हें बेटी के मौत की खबर मिली। इस खबर से घर में मातम पसर गया खुशियां गम में बदल गई।
हादसे में घायल दो गंभीर
हादसे में करीब छह लोग घायल हुए हैं जिनमें फिरोज और रईस की हालत गंभीर है उन्हें परिजन ने निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दोनों मजदूरी करते हैं और बाइक पर जा रहे थे। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सभी जिम्मेदार की लापरवाही से गई जान
कुल मिलाकर सभी जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते लेडी डॉक्टर मौत का शिकार हो गई। यदि सभी अपना कार्य ईमानदारी से जिम्मेदारी पूर्वक करते तो यह हृदयविदारक हादसा नहीं होता।
रुपए बचाने के चक्कर में नहीं करवाते सर्विसिंग
परिवहन विभाग, यातायात विभाग, स्कूल संचालक मंडल सभी ने लापरवाही दिखाई। समय-समय पर सर्विसिंग नहीं करने के कारण या फिर रुपए बचाने के चक्कर में सर्विसिंग नहीं करवाई और ब्रेक फेल हो गए। नतीजतन आयशा अकाल मौत में समा गई।