सामाजिक सरोकार : ग्रीष्म ऋतु में जल सेवा ही सबसे बड़ी सेवा

⚫ प्राचार्य वाय के मिश्र ने कहा
⚫ परस्पर संस्था द्वारा जल मंदिर का शुभारंभ, चार स्थानों पर जल सेवा
हरमुद्दा
रतलाम, 16 मई। "जल ही जीवन है"। ग्रीष्म ऋतु में जल सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। संस्था परस्पर द्वारा प्रतिवर्ष अनेक स्थानों पर जल सेवा की जा रही है, जो कि अनुकरणीय है।
यह बात शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य वाय के मिश्र ने शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय परिसर स्थित साइकिल स्टैंड पर परस्पर संस्था द्वारा जल मंदिर के शुभारंभ के अवसर पर कहीं।
चार स्थानों पर परस्पर संस्था के बैनर तले जल सेवा
संस्था अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने हरमुद्दा को बताया संस्था द्वारा शहर में चार स्थानों पर जल सेवा की जा रही है। नागरिकों की ग्रीष्म ऋतु में विशेष मांग पर इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए कॉलेज परिसर और न्यू बाजना बस स्टैंड पर दिलीप जैन, दयाराम राठौर गवली, रवि जायसवाल, विजय पितलिया के सहयोग से जल मंदिर का शुभारंभ किया गया।संस्था संरक्षक अभय सुराणा ने अनुरोध किया गया कि सभी लोग इस पुनीत कार्य में अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करें ।
यह थे मौजूद
इस अवसर पर संस्था के निमिष व्यास, महेश व्यास, मनीष बोहरा, रमेश पोरवाल, सचिन गेलड़ा, सुभाष नागौरी, नितेश खिमेसरा, निलेश शुक्ला, मितेश अग्रवाल, कमलेश पालीवाल, प्रीतम भरगट, राजेंद्र कसेरा, ओपी पोरवाल, दशरथ पोरवाल, नितेश पोरवाल, शैलेंद्र व्यास, विजय मूणत उपस्थित थे। संचालन अभय लोढ़ा ने किया। सचिन गेलड़ा ने आभार माना।