धर्म संस्कृति : 140 वर्षीतप आराधकों ने 28 हजार उपवास का कीर्तिमान रचा

धर्म संस्कृति : 140  वर्षीतप आराधकों ने 28 हजार उपवास का कीर्तिमान रचा

अक्षय तृतीया पर बंधु बेलड़ी आचार्य श्री की निश्रा में सामूहिक पारणोत्सव

हरमुद्दा के लिए नीलेश सोनी
रतलाम, 30 अप्रैल।  रतलाम में वर्षभर में 140  वर्षीतप आराधकों में से प्रत्येक ने 200 उपवास करते हुए 28 हजार उपवास का कीर्तिमान बनाया। मालवांचल में अक्षय तृतीया पर्व पर वर्षीतप आराधकों का सबसे बड़ा सामूहिक पारणोत्सव श्री शत्रुंजय तीर्थधाम करमदी पर बंधु बेलड़ी आचार्य श्री जिन-हेमचन्द्रसागर सूरीश्वर जी म.सा. की मुख्य निश्रा में रखा गया। वर्षीतप तपस्वी मुनिराज श्री वीतरागचन्द्रसागर जी म.सा. एवं मुनिराज श्री तत्वरागचन्द्रसागर जी म.सा. की तपस्या की पूर्णता पर समग्र श्रीसंघ ने उत्सवी वातावरण में तप अनुमोदना की। 

उत्सवी वातावरण में निकला चल समारोह 


श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ,गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेव जी केसरीमल जी जैन श्वेताम्बर पेढ़ी एवं  पारणा महोत्सव समिति  द्वारा आयोजित सामूहिक पारणोत्सव में आचार्य श्री नयचन्द्रसागर सूरिजी म.सा, आचार्य श्री प्रसन्नचन्द्रसागर सूरिजी म.सा,आचार्य श्री विरागचन्द्रसागर सूरिजी म.सा, आचार्य श्री पदमचन्द्रसागर सूरिजी म.सा, आचार्य श्री आनंदचन्द्रसागर सूरिजी म.सा, गणिवर्य श्री तारकचन्द्रसागरजी म.सा. एवं गणिवर्य श्री अजितचन्द्रसागरजी म.सा. एवं साध्वी श्री अमीपूर्णाश्रीजी म.सा, साध्वी श्री अमीदर्शाश्रीजी म.सा.सहित सागर समुदाय के 45 से अधिक श्रमण श्रमणी वृंद की निश्रा रही। कैबिनेट मंत्री  श्री चेतन्य काश्यप का विशेष आतिथ्य रहा। जिनका श्रीसंघ ने  शाल-श्रीफल एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर बहुमान किया । सभी तपस्वी ढोल ढमाके और गाजे बाजे के साथ चल समारोह पूर्वक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुँचे थे।

जिनशासन के लिए गौरव का पर्व  : आचार्य श्री

धर्म सभा को संबोधित करते हुए

इस अवसर पर बंधु बेलड़ी आचार्यश्री ने कहा कि  यह सम्पूर्ण मालवा अंचल के लिए जिनशासन में गौरव का प्रसंग है कि सबसे बड़ा वर्षीतप आराधकों का आज सामूहिक पारणोत्सव रतलाम की पुण्य धरा पर आयोजित होने जा रहा है। रतलाम में  अधिकांश देरासर प्रथम तीर्थंकर भगवान श्री आदिनाथ जी के होने से रतलाम श्रीसंघ का उनके प्रति भक्ति का विशेष लगाव है। भगवान ने 400 उपवास की कठिन तपस्या करते हुए अक्षय तृतीया के दिन इक्षु रस से पारणा किया था। तभी से वर्षीतप की तपस्या शुरू हुई। हमारी संस्कृति में वर्षीतप की आराधना की सर्वप्रथम शुरुआत करते हुए तप धर्म को स्थापित किया। मेरे संयम जीवन के 63 वर्ष में यह पहला अवसर है जब मुझे रतलाम में इतना भव्य सामूहिक पारणोत्सव में शामिल होने का सौभाग्य मिला है। आचार्यश्री ने मंत्री चेतन्य काश्यप अध्यक्षता एवं सहयोग में प्राचीन सागोद तीर्थ के जीर्णोद्धार - प्रतिष्ठा महोत्सव को अनुकरणीय एवं अभिनंदनीय बताया। इस अवसर पर श्री संघ एवं पारणा महोत्सव समिति द्वारा समस्त गुरु भगवंत को कामली (शाल) प्रदान की गई ।   

विहार में सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर : श्री काश्यप

कैबिनेट मंत्री काश्यप संबोधित करते हुए

मंत्री श्री श्री चेतन्य काश्यप ने वर्षीतप आराधकों के तप की अनुमोदना करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गौरव का दिन है। अक्षय तृतीया पर्व पर वर्षीतप की अनुमोदना, पारणा और बहुमान जैन धर्म की गौरवशाली परम्परा है। रतलाम में आचार्य श्री बंधुबेलड़ी की निश्रा में 140 से अधिक वर्षीतप आराधकों का सामूहिक पारणोत्सव ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। आपने कहा कि जैन साधु साध्वीजी के विहार क्रम में सुरक्षा को लेकर मध्यप्रदेश की सरकार गंभीर है। मैंने स्वयं इस विषय में मुख्यमंत्रीजी से चर्चा की है। राज्य शासन और समाज दोनों के समन्वय से सुरक्षा व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने जैन आयोग के गठन की घोषणा करते हुए विहार के दौरान साधु साध्वी जी के पंचायत और शाला भवन में रुकने की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है।

इक्षु रस से पारणा करवाया गया 

कैबिनेट मंत्री को प्रतीक चिह्न भेंट करते हुए श्री संघ

वर्षीतप तपस्वी मुनिराज श्री वीतरागचन्द्रसागर जी म.सा. एवं मुनिराज श्री तत्वरागचन्द्रसागर जी म.सा. की तपस्या की पूर्णता पर उन्हें इक्षु रस से पारणा करवाया गया। समारोह में वर्षीतप आराधकों ने आचार्यश्री से आशीर्वाद लेते हुए पारणा किया। इस महोत्सव में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में समाजजन रतलाम पहुँचे थे।इसके लिए विशेष रूप से आयोजन समिति ने व्यवस्था की थी।  संचालन गणतन्त्र मेहता एवं जय लुनिया ने किया ।

पंन्यास पद प्रदान गुरुवार को

बंधु बेलड़ी आचार्य श्री की निश्रा में 1 मई गुरुवार को युवा साहित्य सर्जक गणिवर्य श्री तारकचन्द्रसागरजी म.सा. को पन्यास पदवी काटजू नगर स्थित श्री मृदुल धाम पर प्रदान की जाएगी । वही सागोद तीर्थ में 11 दिवसीय भव्य अंजन शलाका प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत हुई। श्री आदिनाथ सागोदिया तीर्थ महिला मंडल रतलाम द्वारा भक्तिभाव के साथ स्नात्र पूजन किया गया। गुरुवार को ज्वारारोपण विधान एवं श्री पंच कल्याणक पूजन रखा गया है।