मौसम बदल गया : कहीं ऐसा तो नहीं 2 महीने आगे बढ़ गए हो, रतलाम में ज्येष्ठ की बजाय लग गया श्रावण

मौसम बदल गया : कहीं ऐसा तो नहीं 2 महीने आगे बढ़ गए हो, रतलाम में ज्येष्ठ की बजाय  लग गया श्रावण

दोपहर 1 बजे से मौसम बादलाई

⚫ 3 से हो रही बारिश रुक रुक कर

⚫ 5 से बंद है बिजली, ऐसा कैसा मेंटेनेंस, ब्लैकआउट जैसी स्थिति निर्मित

हरमुद्दा
रतलाम, 13 मई। वैसे तो आषाढ़ की पूर्णिमा यानी कि बुद्ध पूर्णिमा के बाद हिंदू मास के अनुसार ज्येष्ठ महीना लगा है, लेकिन ज्येष्ठ मास की प्रतिपदा के दिन ही ऐसा लग रहा है कि श्रावण लग गया हो। शहरवासियों को बारिश का आनंद मिल रहा है। 5 घंटे से रुक रुक कर बारिश हो रही है। विद्युत मंडल के मेंटेनेंस की पोल भी खुल गई। 5 बजे से विद्युत प्रदाय ठप्प पड़ा हुआ है। बारिश की जानकारी देने वालों ने केवल 13 मई को 3 मिली मीटर बारिश बताई है। मौसम की जानकारी देने वाले कर्मचारियों पर जिम्मेदार अधिकारियों का भी ध्यान नहीं है। 

रतलाम शहर के कई क्षेत्रों में 3 बजे के बाद से ही बारिश हो रही है। कभी रिमझिम तो कभी तेज। कुछ आराम करने के बाद फिर तेज बारिश का दौर समाचार लिखे जाने तक चल रहा था।

मानसून शुरू होने जैसे हालात

बदले हुए मौसम के रुख को देखते हुए आमजन चर्चा कर रहे हैं कि ऐसा लग रहा 2 महीने आगे खिसक गए और श्रावण लग गया है। ज्येष्ठ के महीने में तो गर्मी काफी परेशान करती है लेकिन महीने के पहले दिन ही रतलाम के आमजन को काफी सुकून मिला है। जहां गर्मी से राहत मिली, वहीं बारिश से ठंडक तो मिली। वरिष्ठ अभिभाषक बालूलाल त्रिपाठी, सेवानिवृत्त शिक्षक बाबूलाल शर्मा, सहित अन्य बुजुर्गों का कहना है कि मई के महीने में एक साथ इतनी बारिश तो पहली बार देखने में आई है। 9 दिन से लगातार बारिश हो रही है। एक दो दिन बीच में कभी छूट गई होगी। मंगलवार की बारिश ने तो मानसून शुरू होने जैसे हालात बना दिए हैं। 

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घरों में हुई शाम की रसोई प्रभावित

इसके साथ ही कुछ परेशानी भी हुई क्योंकि बारिश से जहां आवागमन में बाधा उत्पन्न हुई, वहीं विद्युत प्रदाय बंद होने से शाम की रसोई प्रभावित हुई। बिजली नहीं होने से महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कहीं मोमबत्ती तो कहीं इमरजेंसी लाइट में इमरजेंसी भोजन (खिचड़ी) बनाना पड़ी। मौसम भी ऐसा था कि कहीं बाहर जाकर खाना भी नहीं खा सकते। दो पहिया वाहन वालों को तो घर पर ही जो मिला वह खाना पड़ा। 

ऐसा कैसा मेंटेनेंस विद्युत विभाग का

खास बात तो यह रही की शाम को 5 बजे बाद तेज हवा चलने के साथ विद्युत प्रदाय ठप्प हो गया। लोग अपने व्हाट्सएप ग्रुप में चर्चा करते हुए पढ़े गए कि विद्युत मंडल का ऐसा कैसा मेंटेनेंस है कि हल्की सी बारिश और हवा में ही विद्युत सुविधा आमजन से छीन ली गई है। जबकि अप्रैल और मई महीने में कई बार घण्टों तक विद्युत प्रदाय बंद करके मेंटेनेंस का कार्य किया गया है, फिर भी हल्की सी बारिश में विद्युत प्रदाय बंद होना कौन से मेंटेनेंस को दर्शाता है। विद्युत मंडल के कार्यालय में फोन लगाते हैं तो फोन लगता नही है। उठा लेते हैं तो जवाब नहीं दिया जाता है। इससे तो शहरवासी भली भांति परिचित है। 

तो फिर ब्लैक आउट किस लिए

लोग तो यह कहते हुए भी सुने गए कि अब तो सीमा पर पर सीजफायर हो गया है। दोनों देशों के डीजीएमओ ने चर्चा कर ली है। प्रधानमंत्री जी ने भी देश को संबोधन दे दिया है तो फिर अब ब्लैक आउट किस लिए हो रहा है। जब प्रदेश के 5 जिलों में ब्लैकआउट किया था, उस दौरान रतलाम में इसका असर नहीं हुआ तो फिर ज्येष्ठ माह की बारिश में ब्लैकआउट जैसी स्थिति क्यों निर्मित हो गई?

कर्मचारियों पर अधिकारियों का नहीं ध्यान

शहर में 5 मई से बारिश हो रही मगर मौसम विभाग में 12 मई तक बारिश के आंकड़े नहीं दिए। 13 मई को बारिश 3 मिली मीटर बताई है। मौसम की जानकारी देने वाले कर्मचारियों पर जिम्मेदार अधिकारियों का भी ध्यान नहीं है।