देश की भावना : आतंकियों से लो बदला, कह रहा पहलगाम

देश की भावना : आतंकियों से लो बदला, कह रहा पहलगाम

प्रोफ़ेसर अज़हर हाशमी

गोली मारी, हत्या की, पूछ - पूछ कर नाम।
आतंकियों से लो बदला, कह रहा पहलगाम।।

आतंकवाद है नाग, मुख में हैं विषदंत।
करो नेस्तनाबूद तभी, हो पाएगा अन्त।।

सिंधु जल का समझौता, स्थगित अच्छा प्रयास।
अब आतंकी पाक की, फूल रही है साँस।।

आतंकी हैवान हैं, आतंकी शैतान।
करो नष्ट कुछ इस तरह, न हो नामो-निशान।

आतंकी बस आतंकी, क्या कनिष्ठ क्या ज्येष्ठ।
शठ से शठ - सा व्यवहार, यह नीति ही श्रेष्ठ।।

⚫ प्रोफ़ेसर अज़हर हाशमी