सूफी परिवार में जन्मे राष्ट्रवादी कवि, साहित्यकार, चिंतक अज़हर हाशमी को किया पैतृक गांव पिड़ावा में किया सुपुर्द-ए-खाक

सूफी परिवार में जन्मे राष्ट्रवादी कवि, साहित्यकार, चिंतक अज़हर हाशमी को किया पैतृक गांव पिड़ावा में किया सुपुर्द-ए-खाक

गम्भीर बीमारी के चलते मंगलवार को निजी अस्पताल में हो गया था इंतकाल

⚫ निवास स्थान से मंगलवार को रात को ही पार्थिव दे ले गए थे पैतृक स्थान पिड़ावा

⚫ कई गणमान्य एवं साहित्य प्रेमियों ने दी मिट्टी

हरमुद्दा
झालावाड़/पिड़ावा, 11 जून। सूफी परिवार में जन्मे साहित्य के संत राष्ट्रवादी चिंतक एवं मनीषी अज़हर हाशमी को झालावाड़ जिले के पैतृक गांव पिड़ावा में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। कई गणमान्य, जनप्रतिनिधि, संपादक, पत्रकार एवं साहित्य प्रेमियों ने मिट्टी देकर भावना व्यक्त की। 

पिपली चौक स्थित पैतृक निवास से जनाजा निकलते हुए

देश विदेश में अपनी रचनाओं से शोहरत हासिल करने वाले 76 वर्षीय प्रोफेसर हाशमी का गम्भीर बीमारी के चलते मंगलवार को निजी अस्पताल में  इंतकाल हो गया था। इंदिरा नगर स्थित निवास स्थान पर महापौर प्रहलाद पटेल, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, कैबिनेट मंत्री चैतन्य काश्यप की ओर से मणिलाल जैन, साहित्यकार मुरलीधर चांदनीवाला, प्रदीप सिंह राव, साहित्य प्रेमी, साहित्यकार सहित शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। 

रतलाम को बनाया कर्मस्थली

मूलत: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिड़ावा के सूफी परिवार के खुर्शीद अली हाशमी के यहां अज़हर हाशमी ने जन्म लिया। यही पर प्रारंभिक शिक्षा हुई। उज्जैन में उच्च शिक्षा के बाद श्री हाशमी ने रतलाम को अपनी कर्मस्थली बना लिया था। राजनीति विज्ञान पढ़ने के साथ ही उनके साहित्य सृजन ने देश-विदेश में ख्याति अर्जित की। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार मंगलवार को रात को ही पार्थिव देह को लेकर पैतृक स्थान पिड़ावा के लिए रवाना हुए। 

दर्शन के लिए रखा जनाजा

घर के बाहर अंतिम दर्शन करते हुए

बुधवार को सुबह 10 बजे यहां पीपली चौक में उनके पैतृक निवास में पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। गणमान्यजन समाज जन सहित डॉ. प्रवीणा दवेसर, श्वेता नागर ने अंतिम दर्शन किए।

नमाज-ए-जनाजा के पश्चात निकले कब्रिस्तान के लिए

जनाजा-ए-नमाज में शामिल

घर से उनका जनाजा निकला जो नमाज-ए-जनाजा के बाद कब्रिस्तान पहुंचे।

फूलों से सजी श्री हाशमी जी की कब्र के पहले जो चिह्न पत्थर नजर आ रहा है, वही कब्र मरहूम खुर्शीद अली हाशमी जी की है। 

स्वर्गीय हाशमी के छोटे भाई मुख्तार हाशमी एवं मजहर हाशमी ने बताया यहां पर उनके अम्मी अब्बा की कब्र के चरण के पास विशिष्ट जनों की उपस्थिति में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया हैं।

म्हारो प्यारों पिड़ावा बोर्ड के सामने से निकलता हुआ जनाजा

मिट्टी देकर किए भाव व्यक्त

पिड़ावा कब्रिस्तान में राष्ट्रीय कवि अनिल उपहार, पिड़ावा नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन निर्मल शर्मा, पूर्व चेयरमैन सगीर अहमद उर्फ मुन्ना भाई, जैन सोशल ग्रुप के सुखमाल जैन, रतलाम से वरिष्ठ पत्रकार आरिफ कुरैशी, तुषार कोठारी, हेमंत भट्ट , रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश गोस्वामी, कमलेश पांडेय, विद्यार्थी परिवार के अध्यक्ष एवं अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी, राजेश घोटीकर, भारत गुप्ता, हरीश पुरोहित, कैलाश पाठक, विजय सिंह रघुवंशी, इंदौर से क्रांति चतुर्वेदी एवं अरुण जैन सहित पिड़ावा के मिलने वाले, समाजजन की उपस्थिति में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। सभी ने कब्र पर मिट्टी देकर भाव व्यक्त किए।