सुप्रीम फैसला : मंत्री ने मांगी माफी तो मिली फटकार, राहत यह कि नहीं होंगे गिरफ्तार

सुप्रीम फैसला : मंत्री ने मांगी माफी तो मिली फटकार, राहत यह कि नहीं होंगे गिरफ्तार

डीजीपी को एसआईटी गठित करने का आदेश

⚫ भावना अच्छी होती तो माफी में नहीं लगाते अगर-मगर

⚫ कर्नल सोफिया पर मध्य प्रदेश के मंत्री ने दिया था विवादित बयान

हरमुद्दा
सोमवार 19 मई। मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए बयान पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मंत्री को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा की गिरफ्तारी नहीं होगी मगर माफी मंजूरी लायक नहीं है। ज्ञातव्य है कि मंत्री विजय शाह ने महू के मानपुर में एक कार्यक्रम के दौरान ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था।

सुनवाई के दौरान मंत्री विजय शाह के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि अपने बयान के लिए वे माफी मांग चुके हैं। इस पर अदालत ने कहा कि माफी स्वीकार नहीं है। एक मंत्री का आचरण आदर्श वाला होना चाहिए।

भावना अच्छी होती तो माफी में  नहीं लगाते अगर-मगर

कोर्ट ने यह भी कहा कि माफी स्वीकार हो गई, तो आप बाह जाकर कहेंगे कि हमने अदालत के कहने पर माफी मांगी। आपके बयान से देश में गुस्सा है। भावना अच्छी होती तो माफी में अगर-मगर नहीं लगाते। कोर्ट ने तीन आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी का गठन किया है, जो पूरे मामले की जांच करेगी।

एसआईटी गठित करने का आदेश

कोर्ट ने अपने आदेश में डीजीपी को एसआईटी का गठन करने का आदेश दिया। एसआईटी का नेतृत्व आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे और इसमें एक महिला भी शामिल होगी। विजय शाह को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी।

यह हुआ अब तक

इससे पहले मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद मानपुर पुलिस ने मंत्री के खिलाफ केस दर्ज किया था। इधर हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एफआईआर के आदेश पर रोक लगाने के लिए विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन वहां से भी उन्हें फटकार मिली।